आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी: इस निर्णय का कारण इंडिया गठबंधन; दो महीने बाद भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति बकाया।

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कांग्रेस और विपक्षी दलों के बने इंडिया गठबंधन की सदस्य आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से खुद को बाहर कर दिया है। प्रदेश में पार्टी कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगी। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसे देखते हुए लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों को उतारने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन अब पार्टी ने छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

लंबे समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े नेता लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी के इस फैसले के बाद कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। हालांकि पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि हम भले लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।

छत्तीसगढ़ में पार्टी हुई कमजोर

विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में आप का प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ के AAP अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने 16 जनवरी को 6 प्रमुख पदाधिकारियों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के 2 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है।

केजरीवाल और भगवंत मान ने 6 सभाएं कीं, फिर भी एक भी सीट पर जमानत नहीं बचा सकी पार्टी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने छत्तीसगढ़ में 6 सभाएं और रोड शो किए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जीतना तो दूर, प्रदेश की किसी भी सीट पर जमानत तक नहीं बचा पाई।

चुनाव के दौरान केजरीवाल की गारंटी ने कार्यकर्ताओं में जोश तो भरा, लेकिन यह जोश वोट में तब्दील न हो सका। राजधानी में हुए कार्यक्रम के बाद केजरीवाल, भगवंत मान और संदीप पाठक ने रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में तीन रैलियां की। उम्मीद थी कि इन स्थानों पर पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी, लेकिन इन तीनों सीटों पर भी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।

छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर थी तैयारी, लेकिन 55 सीटों पर चुनाव लड़ी थी ‘आप’

आम आदमी पार्टी के विधानसभा चुनाव से पहले लगातार अपने संगठन को मजबूत करने के साथ ही बड़े आक्रामक तरीके से छत्तीसगढ़ में काम कर रही थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 90 विधानसभा सीटों पर पार्टी कैंडिडेट उतरने वाली थे, लेकिन ऐन मौके पर इंडिया गठबंधन के कारण सिर्फ 55 सीट पर प्रत्याशी उतारे। बाकी 35 सीटों पर प्रत्याशियों को नहीं उतारा गया था, जिसके कारण कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी।

वोटिंग प्रतिशत न बढ़ा न घटा

आम आदमी पार्टी ने 2018 में 85 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, उस समय पार्टी की तरफ से न तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार को आए थे, न ही दूसरे कोई स्टार प्रचारक आए। पार्टी के तत्कालीन स्थानीय नेताओं ने ही मोर्चा संभाले रखा। विधानसभा चुनाव में 2018 में भी पार्टी को 0.93 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि इस बार भी पार्टी को 0.93 प्रतिशत मत मिले हैं।

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