छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी होने के 24 घंटे के भीतर ही कांग्रेस के 4 में से दो उम्मीदवारों का खुलकर विरोध शुरू हो गया है। दोनों ही जगहों पर बाहरी चेहरों को टिकट देने को लेकर विरोध के सुर तेज हो गए हैं।
एक ओर जहां बिलासपुर में कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव के खिलाफ नगर पंचायत बोदरी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश कौशिक धरने पर बैठ गए हैं, तो वहीं दूसरी ओर सरगुजा प्रत्याशी शशि सिंह का विरोध भी जमकर हो रहा है। विरोध के सुर तो राजनांदगांव और महासमुंद में भी सुनाई पड़ रहे हैं।
बिलासपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद गुरुवार (28 मार्च) को भिलाई विधायक देवेंद्र यादव पहली बार यहां आ रहे हैं। उनके स्वागत में कांग्रेस नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। देवेंद्र यादव रतनपुर में महामाया देवी की पूजा-अर्चना कर अपना प्रचार शुरू करेंगे।
देवेंद्र यादव के खिलाफ आमरण अनशन
दरअसल, कांग्रेस ने बिलासपुर लोकसभा सीट से भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है। जिससे बिलासपुर के कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। नाम की घोषणा होने के बाद से सोशल मीडिया पर देवेंद्र यादव को बाहरी बताकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। बोदरी नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जगदीश कौशिक तो कांग्रेस भवन के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
बुधवार की रात कौशिक ने कांग्रेस भवन के सामने अकेले रात गुजारी। इससे पहले दोपहर में कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय और विजय केशरवानी उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन वे नहीं माने। जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भी दी। प्रदेश कमेटी ने जगदीश कौशिक से कोई बात नहीं की है।
कौशिक का कहना है कि मांग पूरी होने के बाद ही मैं अनशन तोड़ूंगा। मेरी सिर्फ एक ही मांग है कि मुझे लोकसभा उम्मीदवार बनाया जाए।
पहले ही दिन से चुनावी माहौल बनाने की रणनीति
विरोध के बीच प्रत्याशी घोषित होने के बाद देवेंद्र यादव आज पहली बार बिलासपुर पहुंच रहे हैं। उन्होंने पहले ही दिन से चुनावी माहौल बनाने की रणनीति बनाई है। उन्होंने दुर्ग-भिलाई और रायपुर के कार्यकर्ताओं को एक्टिव कर दिया है। साथ ही खुद ट्रेन में सफर कर बिलासपुर स्टेशन पहुंचने की तैयारी की है।
दोपहर करीब 2.15 बजे इंटरसिटी एक्सप्रेस से वे बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे, जबकि उनके समर्थक और कार्यकर्ता सड़क मार्ग से बिलासपुर आएंगे।
खुली जिप्सी में जगह-जगह होगा स्वागत
लोकसभा उम्मीदवार देवेंद्र यादव का दोपहर में बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर स्वागत होगा। यहां कांग्रेसियों ने उनके लिए खुली जिप्सी का इंतजाम किया है, जिसमें वे सवार होकर निकलेंगे। इस दौरान वे तितली चौक, जगमल चौक, गांधी चौक जूना बिलासपुर, गोलबाजार, देवकीनंदन चौक होते हुए शहर भ्रमण करेंगे। शाम को कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे।
सरगुजा में इस्तीफा देने को तैयार कार्यकर्ता
सरगुजा लोकसभा सीट से शशि सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने पर उन्हीं के गृह क्षेत्र प्रेमनगर में विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रदेश सचिव और जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े के आवास पर बुधवार को बड़ी संख्या में कांग्रेसी जमा हो गए और शशि को टिकट देने का विरोध किया।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि शशि सिंह और उनके पिता तुलेश्वर सिंह ने चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ काम किया और प्रत्याशी को हराने में भूमिका निभाई। कांग्रेस नेता शशि सिंह के लिए काम नहीं करेंगे।
भूपेश बघेल का टिकट काटने की मांग
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन से विधायक हैं। दुर्ग संभाग से आने वाले बघेल को पार्टी ने लोकसभा के चुनावी मैदान में राजनंदगांव से मैदान में उतारा है। हफ्ते भर पहले ही पार्टी के सीनियर नेता और PCC डेलीगेट रामकुमार शुक्ला ने उनका टिकट काटने की मांग की। इसे लेकर उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भी लिखा था।
रामकुमार शुक्ला ने पत्र में कहा है कि ये शर्म की बात है कि पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव ऐप केस में EOW ने FIR दर्ज की है। उन पर 500 करोड़ लेने का आरोप है। भ्रष्टाचार के चलते कई IAS अफसर और कार्यकर्ता जेल में हैं।
इससे पहले राजनांगांव के पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दास वैष्णव ‘दाऊ’ ने भी बघेल के सामने पिछली कांग्रेस सरकार को खरी-खोटी सुनाई थी। बाद में दाऊ को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया।
महासमुंद में भी कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध
कांग्रेस पार्टी ने इस बार महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को उम्मीदवार बनाया है। ये साहू बहुल सीट है, ऐसे में यहां से शुरू से ही साहू प्रत्याशी को मैदान में उतारने की तैयारी थी। पहले चर्चा थी कि महासमुंद से धनेंद्र साहू को टिकट मिलेगा और दुर्ग से ताम्रध्वज को, लेकिन जब लिस्ट आई तो ऐसा नहीं हुआ।
ताम्रध्वज के नाम के ऐलान के बाद स्थानीय नेताओं ने विरोध भी किया था, लेकिन धीरे-धीरे विरोध का शोर थम गया और फिलहाल कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में जुटे हैं।