दरअसल, राजनांदगांव में मंगलवार (2 अप्रैल) को भूपेश बघेल के नामांकन के दौरान महंत ने विरोधियों पर निशाना साधा था। जनसभा में महंत ने कहा था, हमें नरेंद्र मोदी का मूड़ (सिर) फोड़ने वाला आदमी चाहिए। रात-दिन तंग करके चीन भेजने वाला आदमी चाहिए। एक संरक्षक चाहिए, अच्छा लाठी धर कर मारने वाला।
वहीं उन्होंने उद्योगपतियों को लेकर कहा कि, नवीन जिंदल ने रायगढ़ और पूरी खदानों को लूट लिया। इन लोगों ने हम छत्तीसगढ़ियों की ऐसी की तैसी की है। हमने ही इन्हें सिर पर चढ़ाकर रखा था। हमें कहने में शर्म नहीं है कि ऐसे लोगों को तो हमें जूते मारने चाहिए।
विवाद बढ़ने पर महंत ने दी थी सफाई
इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास ने सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा था कि, उनके बयान को तिल का ताड़ बना दिया गया। प्रधानमंत्री सम्मानित पद है। मैंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है, लोग पता नहीं क्यों कह रहे हैं। मैं तो कबीरपंथी हूं, मैं इस तरह की गलत बात तो कर ही नहीं सकता। मेरी बातों से बुरा लगा है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं
मुख्यमंत्री ने कहा था कि महंत का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा था कि हम इसकी निंदा करते हैं। मैं भी मोदी के परिवार का हिस्सा हूं। कांग्रेसियों में हिम्मत है तो वे पहले मेरे सिर पर लाठी मारें। कांग्रेसियों का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, इसलिए वे अनाप-शनाप बोल रहे हैं।
ओपी चौधरी ने कहा- मैं भी मोदी हूं, मुझे लाठी मारो
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा था कि मोदी किसी व्यक्ति का नाम नहीं है। मोदी एक सोच का नाम है, जो भारत को विकसित राष्ट्र बना रहा है। चौधरी ने कहा, मैं भी मोदी हूं, मुझे लाठी मारो। हमारा हर कार्यकर्ता यह कह रहा है कि मैं भी हूं मोदी, मुझे भी मारो लाठी। कांग्रेस की सोच भय आतंक और तानाशाही सरकार चलाने की रही है।