छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मची भगदड़, कई बड़े नेता भाजपा में आने को तैयार, कांग्रेस ने रोकने के लिए कमेटी बनाई, भाजपा ने प्रवेश के लिए समिति बनाई…!

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छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने 3 दिन पहले कांग्रेस के नाराज नेताओं को मनाने के लिए संपर्क और संवाद समिति का गठन किया है। इसके बाद, अब समिति ने सभी 11 लोकसभा सीटों पर रूठों को मनाने के लिए अपने वरिष्ठ सिपाहियों को तैनात कर दिया है।

चुनावी समर में पार्टी ने समिति के सदस्यों को लोकसभावार जिम्मेदारी सौंप दी है। अब जिम्मेदार नेताओं को अपने क्षेत्र में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।

जानिए किसे मिली कहां की जिम्मेदारी ?

समिति की ओर से लोकसभावार जिम्मेदारों की सूची जारी की गई है, जिसमें सरगुजा में पूर्व मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, आदितेश्वर शरण सिंहदेव, रायगढ़ में पूर्व मंत्री उमेश पटेल, जांजगीर में पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर, कोरबा में जयसिंह अग्रवाल, गुरुमुख सिंह होरा, बिलासपुर में प‌द्मा मनहर, राजनांदगांव में धनेश पाटिला, दुर्ग में मोहन मरकाम, रायपुर में सत्यनारायण शर्मा, महासमुंद में अमितेश शुक्ला, बस्तर में राजेन्द्र तिवारी और कांकेर में अनिला भेंडिया को जिम्मेदारी दी गई है।

4 दिन पहले बनाई गई थी समिति

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही कांग्रेस नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। अब डैमेज कंट्रोल के लिए 4 दिन पहले 8 अप्रैल को समिति का गठन किया गया है, ताकि नेताओं से बातचीत कर उन्हें पार्टी में रोककर रखा जा सके। समिति में 2 पूर्व प्रदेशाध्यक्ष, 6 पूर्व मंत्री, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष समेत पार्टी के सीनियर नेताओं को शामिल किया गया है।

ये हैं समिति के सदस्य

संवाद और संपर्क के लिए बनाई गई कमेटी के संयोजक पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू हैं। मोहन मरकाम, सत्यनारायण शर्मा, मोहम्मद अकबर, प्रेमसाय सिंह, जयसिंह अग्रवाल, अनिला भेंडिया, उमेश पटेल, धनेश पाटिला, गुरूमुख सिंह होरा, राजेन्द्र तिवारी, प‌द्मा मनहर, शैलेश नितिन त्रिवेदी और आदितेश्वर शरण सिंहदेव सदस्य हैं।

मंगलवार को हुई समिति की पहली बैठक

समिति बनने के दूसरे दिन ही सभी नेताओं को बुलाया गया और उनके साथ बैठक कर प्रदेश भर के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक के बाद समिति संयोजक धनेंद्र साहू ने बताया था कि कई बार लोग स्थानीय मुद्दों को लेकर भी लोग नाराज रहते हैं और पार्टी छोड़ देते हैं। ऐसी परिस्थितियों की जानकारी लेकर भी हम उनसे बात कर सकें, इसलिए समिति का गठन किया गया है।

ये होगा समिति का काम

समिति प्रदेश भर में संवाद और संपर्क का काम करेगी। इस समिति के माध्यम से पार्टी के नाराज नेताओं से संपर्क कर पार्टी और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने का काम करेगी। सूची में सभी सीनियर नेताओं को जगह दी गई है, ताकि ये नेता पुराने से लेकर नए सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनकर उनकी समस्याओं का समाधान कर सकें।

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