ईरान ने इजरायल पर बोला हमला तो कौन से मुस्लिम मुल्क आ सकते हैं साथ, भारत का रुख क्या?…

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ईरान और इजरायल में तनातनी और हमले की आशंकाओं के  बीच भारत और अमेरिका समेत छह देशों ने अपने-अपने नागरिकों के ट्रैवल एडवायजरी जारी की हैं।

सभी देशों ने अपने नागरिकों से इन दोनों देशों की यात्रा से बचने की सलाह दी है। भारत, अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, रूस,  फ्रांस और जर्मनी ने भी ऐसी ही एडवायजरी जारी किए हैं।

इस बीच, अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने दावा किया है कि ईरान अगले दो दिन में इजराइल पर हमला कर सकता है।

आशंका जताई जा रही है कि अगले 24 घंटों के दौरान ईरान इजरायल पर 100 ड्रोन और दर्जनभर मिसाइल से हमला बोल सकता है।

दरअसल, एक अप्रैल को सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर इजरायल ने एयरस्ट्राइक कर दी थी, जिसमें दो ईरानी कमांडर समेत कुल 13 लोग मारे गए थे। ईरान इससे बौखलाया हुआ है और उसने इजरायल से बदला लेने की धमकी दी है।

ईरान ने अमेरिका को इस मामले में नहीं पड़ने की भी चेतावनी दी है।

इजरायल का साथ देगा अमेरिका
उधर, अमेरिका का कहना है कि अगर ईरान ने इजरायल पर सीधा हमला बोला तो वह इजरायल का साथ देगा। अमेरिकी विदेश मंत्री  एंटनी ब्लिंकन ने सऊदी अरब, चीन, तुर्किये और कई यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों से फोन पर बात की।

ब्लिंकन ने सभी देशों से ईरान को हमला न करने के लिए मनाने को कहा है। दूसरी तरफ, ब्रिटेन के विदेश मंत्री लॉर्ड कैमरन ने भी ईरानी विदेश मंत्री को फोन करके विवाद को आगे न बढ़ाने की सलाह दी है।

इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि अगर ईरान ने उस पर हमला बोला तो वह उसका माकूल जवाब देंगे।

सांसत में क्यों ईरान?
अंतराष्ट्रीय मामलों के जानकारों का कहना है कि ईरान इस वक्त दुविधा में है। उनके मुताबिक, ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने भले ही दो दिन पहले (बुधवार , 10 अप्रैल) कहा हो कि इजराइल को दमिश्क हमले की सजा जरूरी दी जाएगी लेकिन इजरायल पर सीधा हमला करने को लेकर ईरानी नेतृत्व फिलहाल अटक रहा है।

ऐसे में संभव है कि ईरान इजरायल के खिलाफ प्रॉक्सी वार छेड़ दे। इसमें वह लेबनान के हिजबुल्लाह, यमन के हूती विद्रोहियों और सीरिया के लड़ाकों का इस्तेमाल कर सकता है।

ईरान पहले भी हमास और हिज्बुल्लाह जैसे संगठनों को मदद करता रहा है और उससे प्रॉक्सी वार करवाता रहा है।

कौन-कौन से देश ईरान के साथ?
अगर ईरान ने इजरायल पर सीधे हमला बोला तो मिडिल-ईस्ट में एक बार फिर से बड़ी जंग छिड़ सकती है और पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ सकती है क्योंकि तब फिर ईरान के पक्ष में इराक, सीरिया, लेबनान, तुर्किए,कतर, जॉर्डन आदि मुस्लिम देश खुलकर पक्ष में आ सकते हैं क्योंकि इजरायल के पक्ष में पहले ही अमेरिका-ब्रिटेन ने आने का ऐलान कर दिया है।

जानकार कहते हैं कि अगर युद्ध लंबा चला तो फिर दुनिया दो धड़ों में बंट सकती है।

रूस पहले से ही ईरान का सैन्य सहयोगी रहा है और यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका समेत अन्य यूरोपीय और पश्चिमी देशों से उसकी ठनी हुई है, इसलिए रूस भी ईरान के साथ जा सकता है। रूस अपने मित्र देश चीन और उत्तर कोरिया को भी ईरान के पक्ष में लामबंद कर सकता है।

सुन्नी बहुल पाकिस्तान शिया बहुल ईरान को दुश्मन देश मानता है, इसलिए वह अमेरिका के साथ रह सकता है, वहीं भारत इस मामले में तटस्थ रह सकता है।  हालांकि, सऊदी अरब भी ईरान का मददगार नहीं हो सकता है। दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं।

इजरायल -ईरान में कौन कितना ताकतवर?
सैन्य तैयारियों की बात करें तो दोनों तरफ से आक्रामक बयानबाजी हो रही हैं।

द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा बजट के मामले में ईरान इजरायल से पीछे है लेकिन सक्रिय सैनिकों की संख्या के मामले में ईरान इजरायल से बहुत आगे है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल का रक्षा बजट 24.2 अरब डॉलर का है, जबकि ईरान का रक्षा बजट 9.9 अरब डॉलर का है। हवाई शक्ति की बात करें तो इजरायल के पास 612 प्लेन हैं तो ईरान के पास 551 प्लेन हैं।

हालांकि, टैंक के मामले में ईरान इजरायल से करीब दोगुना ताकत रखता है। इजरायल के पास 2200 टैक्स हैं तो ईरान के पास 4071 टैंक्स हैं।

समंदर की सैन्य शक्ति में भी इजरायल से ईरान आगे है। इजरायल के पास 67 युद्धपोत हैं, जबकि ईरान के पास 101 युद्धपोत का लंबा-चौड़ा बेड़ा है।

इसके अलावा इजरायल के पास 43 हजार बख्तरबंद गाड़ियां हैं, जबकि ईरान के पास 65 हजार बख्तरबंद गाड़ियां हैं। सैनिकों की संख्या के मामले में भी इजरायल पर ईरान भारी है।

इजरायल के पास 1.73 लाख सैनिक हैं, जबकि ईरान के पास 5.75 लाख ऐक्टिव सैनिक हैं। इसके अलावा इजरायल के पास 4.65 लाख रिजर्व सैनिक हैं, जबकि ईरान के पास 3.50 लाख रिजर्व सैनिक हैं।

किसके पास कितने परमाणु बम
इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के पास इस वक्त 80 परमाणु बम हैं, जबकि ईरान के पास आधिकारिक तौर पर कोई परमाणु बम नहीं है। साफ है कि परमाणु बम के आधार पर ही इजरायल ईरान को युद्ध में हरा सकता है।

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