जी-7 देशों के नेताओं ने इजरायल के खिलाफ ईरान के हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है।
साथ ही इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र में अनियंत्रित तनाव बढ़ने की आशंका जताई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इन हमलों के मद्देनजर आपातकालीन बैठक बुलाने का फैसला किया है, ताकि इस मामले पर चर्चा की जा सके।
ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं। ईरान ने कहा कि उसने यह हमला सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास पर 1 अप्रैल हुए हमले के जवाब में किया।
इजरायली सेना ने कहा कि शनिवार देर रात ईरान ने हमला किया और उस पर सैंकड़ों ड्रोन, बैलेस्टिक मिसाइल व क्रूज मिसाइल दागीं। ए
क सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइल दागी गईं, जिनमें से 99 प्रतिशत को हवा में ही नष्ट कर दिया गया।
जी-7 देशों के नेताओं ने राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से की गई कॉन्फ्रेंस कॉल के बाद संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया, ‘अपने इन कदमों के जरिए ईरान ने क्षेत्र को अस्थिर करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। एक अनियंत्रित क्षेत्रीय तनाव को भड़काने का जोखिम पैदा किया है। इससे बचना चाहिए।
हम स्थिति को स्थिर करने और तनाव बढ़ने से रोकने के लिए काम करना जारी रखेंगे।’ ईरान की ओर से इजरायल पर शनिवार को किए गए हमले के एक दिन बाद यह बयान जारी हुआ।
इसमें कहा गया, ‘हम मांग करते हैं कि ईरान और उसके छद्म सहयोगी अपने हमले बंद करें। हम अस्थिर करने वाली और पहल के जवाब में आगे कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।’
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होगी आपातकालीन बैठक
मालूम हो कि जी-7 समूह में अमेरिका, इटली, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं। समूह ने इजरायल और उसके लोगों के प्रति पूर्ण एकजुटता व समर्थन व्यक्त किया और उसकी सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
बाइडन ने इजरायल के खिलाफ ईरान के अप्रत्याशित हमले पर चर्चा करने के लिए जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से भी फोन पर बात की।
ईरान की ओर से इजरायल के खिलाफ किए गए हवाई हमले पर सुरक्षा परिषद के सदस्य न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक आपातकालीन बैठक करेंगे। इजरायल ने इस बैठक का अनुरोध किया है जिसका एजेंडा पश्चिम एशिया में स्थिति होगा।