“EC का आदेश- AAP कैंपेन सॉन्ग बदले: इससे न्यायपालिका की छवि खराब हो रही; जेल में बंद केजरीवाल के साथ गुस्साई भीड़ दिखाई गई”

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इलेक्शन कमीशन ने आम आदमी पार्टी (AAP) को अपने इलेक्शन कैंपेन सॉन्ग में बदलाव करने को कहा है। EC ने केबल टेलीविजन नेटवर्क रूल्स, 1994 और ECI गाइडलाइन्स का हवाला देते हुए AAP को सॉन्ग में बदलाव करके उसे दोबारा सब्मिट करने को कहा है। सॉन्ग को चेक करने के बाद ही उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

ECI ने कहा कि सॉन्ग की लाइन ‘जेल के जवाब में हम वोट देंगे’ के साथ आक्रोशित भीड़ नजर आ रही है। इस भीड़ के हाथ में जेल की सलाखों के पीछे अरविंद केजरीवाल की तस्वीर है। इस तरह के पिक्चराइजेशन से न्यायपालिका की छवि खराब होती है।

इसके अलावा ECI ने ये भी कहा कि जेल के जवाब में वोट वाली लाइन कई बार दोहराई गई है, जो कि केबल टेलीविजन नेटवर्क रूल्स, 1994 के तहत प्रोग्राम एंड एडवर्टाइजिंग कोड की ECI गाइडलाइन और रूल (1(g) का उल्लंघन करता है।

आतिशी बोलीं- भाजपा ने फिर से अपनी तानाशाही का सबूत दिया

इसके जवाब में आतिशी ने कहा कि एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तानाशाही का सबूत जनता के सामने रख दिया है। तानाशाही सरकारों का ये भी दूसरा लक्षण होता है कि दूसरी पार्टियों को प्रचार करने रोका जाता है।

भारतीय जनता पार्टी के एक और राजनीतिक हथियार चुनाव आयोग ने एक पत्र के माध्यम से आम आदमी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगा दी है। ये भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब चुनाव आयोग ने किसी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगाई है।

आतिशी ने कहा कि जब भाजपा रोजाना आचार संहिता का उल्लंघन करती है, तो यही इलेक्शन कमीशन इसे नजरअंदाज कर देता है। चुनाव आयोग का कहना है कि हमारा कैंपेन सॉन्ग CBI और ED के डायरेक्टर्स को गलत तरीके से पेश कर रहा है। लेकिन, चुनाव आयोग को तब कोई दिक्कत नहीं होती है जब भाजपा जॉइन करने वाले नेताओं पर लगे CBI, ED और बाकी पॉलिटिकल केस बंद कर दिए जाते हैं।

लेकिन जब हम अपने कैंपेन सॉन्ग में ये बता देते हैं, तो EC को इससे दिक्कत होती है। AAP के कैंपेन सॉन्ग में कहीं भी BJP का जिक्र नहीं है। हमने तानाशाही से लड़ने की बात कही है। इस पर इलेक्शन कमीशन कहता है कि यह रूलिंग पार्टी की आलोचना है। अब तो इलेक्शन कमीशन भी मान रहा है कि BJP तानाशाही कर रही है।

इससे पहले चुनाव आयोग ने 21 अप्रैल को शिवसेना (उद्धव गुट) को नोटिस भेजकर कैंपेन सॉन्ग से ‘भवानी’ शब्द हटाने को कहा था। आयोग ने कहा कि यह शब्द हिंदू देवी से जुड़ा हुआ शब्द है। इलेक्शन में इस तरह के धार्मिक नारे का इस्तेमाल नहीं कर सकते। उद्धव गुट ने इलेक्शन कैंपेन के लिए 16 अप्रैल को प्रमोशन सॉन्ग रिलीज किया था, जिसमें ‘भवानी’ शब्द का जिक्र है।

आयोग के नोटिस पर उद्धव ठाकरे ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे अपने थीम सॉन्ग से भवानी शब्द नहीं हटाएंगे। आयोग को जो कार्रवाई करनी है करे। उद्धव ने आगे कहा कि बीजेपी नेता कई बार धर्म के नाम पर वोट मांग चुके हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। चुनाव आयोग पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर कार्रवाई करे

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