तीन तरफ से घेर कर जांबाज जवानों ने नक्सलियों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा,दो लेयर की सुरक्षा में लगे 10 नक्सली मारे गए, एक करोड़ का इनामी वेणुगोपाल भाग गया…!

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छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर 30 अप्रैल को पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए हैं। मौके से AK-47, इंसास राइफल समेत भारी मात्रा में सामान भी बरामद किया गया है। दो नक्सलियों की शिनाख्त हो गई है जो DVCM कैडर के थे। इनपर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

दरअसल, बस्तर में अबूझमाड़ को नक्सली अपनी राजधानी कहते हैं। इसी इलाके में टेकामेटा का जंगल नक्सलियों का हेडक्वॉर्टर था। इसी हेडक्वॉर्टर में लगभग 80 से 100 नक्सली आराम फरमा रहे थे। यहां पोलित ब्यूरो मेंबर और एक करोड़ का इनामी वेणु गोपाल उर्फ सोनू भी मौजूद था। इसके अलावा CCM, DKSZC, DVCM, कैडर के नक्सली भी थे।

ये नक्सलियों का हेडक्वॉर्टर था। इसलिए यहां उत्तर बस्तर डिवीजन, माड़ डिवीजन और गढ़चिरौली डिवीजन के नक्सली मौजूद थे।

फोर्स ने नक्सलियों की ही स्ट्रेटजी पर काम किया

इस एनकाउंटर की सफलता की वजह थी कि इस बार फोर्स ने नक्सलियों की ही स्ट्रेटजी पर काम किया। जिस कैंप पर हमला किया गया, वह नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था। नक्सलियों को पूरा भरोसा था कि दो राज्यों की सीमा पर घने जंगल और पहाड़ी इलाके में बसाए गए उनके हेडक्वॉर्टर पर फोर्स कभी भी नहीं पहुंच पाएगी।

मुखबिर से मिली सटीक जानकारी के बाद STF और DRG के करीब 500 से 600 जवानों ने सोमवार को रात भर नक्सलियों के टेकामेटा कैंप को तीन तरफ से घेर लिया। हालांकि नदी की वजह से जवान चौथी तरफ से घेर नहीं पाए। रात भर में सटीक एंबुश लगाया। पेड़ और झाड़ियों की आड़ से पोजिशन लेकर बैठे।

सुबह होते ही फोर्स ने बोल दिया धावा

30 अप्रैल की सुबह उजाला होते ही कैंप पर धावा बोल दिया। जिस कैंप पर हमला किया गया, वह नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था। जब हमला हुआ, तब सारे नक्सली निश्चिंत होकर सो रहे थे। आमतौर पर नक्सली भी रात में संतरी ड्यूटी पर रहते हैं। लेकिन, उन्हें पूरा भरोसा था कि यहां तक कभी फोर्स पहुंच नहीं पाएगी।

2 लेयर में नक्सलियों के लड़ाके मौजूद थे

सूत्रों ने बताया कि, यहां बड़े कैडर्स के नक्सली थे। इसलिए 2 लेयर में नक्सलियों के लड़ाके मौजूद थे। जब सुबह साढ़े 5 से 6 के बीच जवानों ने फायर खोला तो नक्सली हड़बड़ा कर उठ गए। अपने हथियार लेकर वे यहां-वहां भागने लगे। 7 से 8 बजे तक 2 नक्सलियों को गोली लगी थी।

नक्सली अंधाधुंध फायरिंग करने लगे थे। वहीं फोर्स भी नक्सलियों की गोलियों का बराबर जवाब दे रही थी।

1 करोड़ का इनामी नक्सली था वेणुगोपाल

मौके पर 1 करोड़ रुपए का इनामी और नक्सलियों के पोलित ब्यूरो का मेंबर वेणु गोपाल भी था। जब जवानों की पहले लेयर के नक्सलियों से मुठभेड़ हुई, तो नक्सली अपने लीडर को पुलिस की गोली से बचते-बचाते ले गए। वहीं, जवानों ने सुबह करीब 10 बजे तक 4 नक्सलियों को ढेर कर दिया था। मौके से उनके शव और कुछ हथियार भी बरामद कर लिए थे।

इसके बाद जवान और आगे बढ़ते गए। दोनों तरफ से रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। सूत्रों ने बताया कि यहां जवानों ने नक्सलियों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा है। दोपहर करीब 12 बजे तक कुल 7 नक्सली मारे जा चुके थे। इनमें 2 महिलाएं भी थीं। सभी के शव भी बरामद कर लिए गए थे।

हालांकि, तब तक मुठभेड़ रुकी नहीं थी। गोलीबारी जारी थी। कुछ देर बाद जवानों ने तीन और नक्सलियों को मार गिराया।

3 महिलाओं समेत 10 नक्सली मारे गए

इनमें एक महिला और दो पुरुष नक्सली शामिल थे। हालांकि, सारे नक्सली अपने मृत साथियों की बॉडी को मौके पर ही छोड़कर नदी को पार कर घने जंगल की तरफ भाग निकले। करीब 6 से 7 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में जवानों ने तीन महिलाओं समेत कुल 10 नक्सलियों को मार गिराया।

मौके से एक-47, इंसास राइफल समेत भारी मात्रा में विस्फोटक, कंप्यूटर, दैनिक उपयोग का सामान भी बरामद किया गया। नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त कर दिया गया या फिर यह कहा जाए कि नक्सलियों के हेडक्वॉर्टर पर फोर्स ने कब्जा जमा लिया है। मुठभेड़ रुकने के बाद मारे गए सभी नक्सलियों के शवों को जिला मुख्यालय लाया जा रहा है।

2 नक्सलियों की हुई शिनाख्त

मारे गए 10 नक्सलियों में से दो की शिनाख्त पुलिस ने कर ली है। प्राथमिक तौर पर मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में गढ़चिरौली DVCM जोगन्ना और DVCM विनय उर्फ अशोक के रूप में हुई है। इन दोनों पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

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