छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी और उनके साथियों पर पूर्व अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी के गुट ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला चुनाव लड़ने की पात्रता से जुड़ा हुआ है। चुपके से नियम बदलने की शिकायत करते हुए सुंदरानी ने अमर परवानी से 7 दिन में जवाब मांगा है। उन्होंने मामले को लेकर अदालत जाने तक का अल्टीमेटम दे दिया है।
दूसरी तरफ चैंबर की ओर से इस मामले को लेकर कहा गया है कि सुंदरानी सिर्फ और सिर्फ सुर्खियों में आने के लिए कुछ भी आरोप लगा रहे हैं। चैंबर में चुनाव लड़ने के नियम में बदलाव किए गए हैं। जो भी बदलाव हुआ है, नियमों के तहत ही हुआ है। सुंदरानी के आरोप निराधार हैं। नए नियम के तहत दो बार पदाधिकारी रहने के बाद भी चुनाव लड़ने की पात्रता होगी।
आखिर मामला है क्या
27 अप्रैल को चैंबर ऑफ कॉमर्स के बॉम्बे मार्केट स्थित भवन में एक बैठक हुई। ये विशेष आम सभा थी। इसमें चैंबर ने संगठन के संविधान में बदलाव को मंजूरी दी। बदलाव ये था कि अब से अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष पद के लिए कोई भी पदाधिकारी 2 बार कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से चुनाव लड़ सकेगा।
इससे पहले नियम यह था कि जो 2 बार इन पदों पर रहा हो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। इसी नियम को बदला गया। पूर्व चैंबर अध्यक्ष और रायपुर उत्तर से विधायक रह चुके श्रीचंद सुंदरानी को इस पर आपत्ति है।
सुंदरानी बोले- इन लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर नियम बदला
श्रीचंद सुंदरानी ने इस मामले में मीडिया से कहा कि हम ये नियम जब लेकर आए थे तो मंशा ये थी कि नए लोगों को अवसर मिले। मगर इन लोगों ने संस्था के नियमों को ताक पर रखकर नियम बदल दिया। अब कोई कितनी बार भी पदों पर रहा हो, अगर वो चुनाव लड़ेगा तो नए लोगों को मौका कैसे मिलेगा।
सुंदरानी ने कहा कि नियम बदलने की भी एक प्रक्रिया है। सभी व्यापारियों को सूचित तो करना था। मुझे तक नहीं बताया। जानबूझकर 200-300 अपने लोगों के बुलाकर बैठक की और बदलाव को मंजूरी दे दी।
चैंबर ने कहा- आरोप बेबुनियाद
चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने इस मामले में कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं, उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। उन्हें सारे नियम पता हैं। 27 जनवरी को आम सभा हुई थी, पूरे प्रदेश से व्यापारी आए थे। CM विष्णु देव साय भी आए थे। वहां प्रस्ताव आए ,फिर नियम के तहत चैंबर कार्यालय में 27 अप्रैल को बैठक बुलाई। पूरे प्रदेश के हर व्यापारी को इसकी जानकारी डाक, मीडिया के जरिए दी।
नियम में आज की जरूरत के हिसाब से बदलाव
विक्रम ने आगे कहा कि सुंदरानी अनर्गल बातें कर रहे हैं, चैंबर उनकी मातृ संस्था है। आज हमारा संगठन 25 हजार व्यापारियों का है। क्या हम पुराने नियमों से चलेंगे, आज की जरूरतों के हिसाब से बदलाव हुआ है। चैंबर कार्यालय में हर जानकारी है, वे आकर ले सकते हैं। जब उन्हें मुद्दा उठाना था तो उसी समय बात करनी थी। क्यों नहीं आए आम सभा में, वहां विरोध कर लेते।
क्या आरोप लगे रहे समझिए
- आरोप- बिना किसी को खबर दिए बैठक हुई।
- जवाब- सूचना डाक से भेजी गई, इस पर 4 लाख खर्च हुए, इसकी रसीद है।
- आरोप- स्वार्थ सिद्धि के लिए नियम बदला गया।
- जवाब- जो नियम पहले था, उससे तो सुंदरानी भी चुनाव नहीं लड़ पाते, अब वे भी लड़ सकते हैं।
क्या होगा नियम बदलाव का असर
चैंबर के चुनाव जुलाई, अगस्त में होने हैं। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। दो बार अध्यक्ष रह चुके व्यक्ति को बदलाव के बाद चुनाव लड़ने का अधिकार मिल चुका है। साफ है कि परवानी चुनाव लड़ सकते हैं। श्रीचंद सुंदरानी परवानी के विरोधी नेता हैं, वे इस बदलाव के खिलाफ हैं।
परवानी समर्थकों का मानना है कि सुंदरानी मुकाबले से घबरा रहे हैं। दूसरी ओर सुंदरानी गुट के व्यापारी मानते हैं, कि इससे नए व्यापारियों को मौका नहीं मिलेगा। इसी खींचतान में ये विवाद जन्मा। सुंदरानी अब इस मामले में कानूनी सलाह कर रहे हैं और अदालत जाने के मूड में हैं।