छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिले की सरहद पर पीडिया गांव बसा है। पीडिया में नक्सलियों का जनताना स्कूल भी चलता है। अंदरूनी इलाके के बच्चों को नक्सली यहां भर्ती कर अहिंसा का पाठ पढ़ाते हैं। साथ ही उन्हें मरने-मारने के बारे में बताते हैं। लोकतंत्र से दूर गनतंत्र का पाठ पढ़ाते हैं। यहां पढ़े बच्चों को नक्सल संगठन में ही भर्ती करते हैं।
नक्सलियों ने इस पूरे इलाके को कैप्चर कर रखा है। यहां नक्सलियों की स्कूल, हथियार फैक्ट्री और लड़ाके तैयार करने के लिए ट्रेनिंग सेंटर है। नए लड़ाकों को गुरिल्ला ट्रेनिंग देकर अन्य एरिया कमेटी में भेजते हैं। दक्षिण बस्तर में यह नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था। अब इस अभेद किले को फोर्स ने भेद दिया है।
पीडिया क्षेत्र में नक्सलियों की पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी और कंपनी नंबर दो सक्रिय है। यहां एक जनमिलिशिया कैडर से लेकर DVCM, DKSZC मेंबर तक के नक्सली सक्रिय हैं। पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी का कमांडर SZCM पापाराव, लिंगा, DVCM चंद्रना, सुमित्रा, कंपनी नंबर 2 सचिव दिनेश के साथ करीब 300 से ज्यादा नक्सलियों का डेरा है। इन सभी नक्सलियों पर लाखों रुपए का इनाम घोषित है।
मारे गए सभी 12 नक्सलियों की शिनाख्त
पीडिया इलाके में 10 मई को हुए एनकाउंटर में मारे गए सभी 12 नक्सलियों की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। मरने वालों में मिलिट्री कंपनी नंबर-2 के सदस्य, समेत ACM रैंक के नक्सली हैं। इन सभी पर कुल 31 लाख रुपए का इनाम था। पिछले चार महीने में पुलिस ने 3 करोड़ से ज्यादा के इनामी नक्सलियों को ढेर किया है।
तीन नक्सली घायल, 1 ग्रामीण को लगी गोली
इस मुठभेड़ में तीन नक्सली घायल हुए हैं। क्रॉस फायरिंग में एक ग्रामीण को भी गोली लगी है। तीनों घायल नक्सलियों और ग्रामीण को पुलिस जवान जिला मुख्यालय लेकर आ गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। जवानों की गोली से बचने नक्सलियों ने एक नई स्ट्रेटजी अपनाई थी। नक्सली सादे कपड़ों में गांव में घुस गए थे।
10 मई की मुठभेड़ में ये नक्सली मारे गए
नाम | पद | इनाम |
बुधु ओयाम | मिलिट्री कंपनी नंबर 2 सदस्य | 8 लाख रुपए |
कल्लू पुनेम | मिलिट्री कंपनी नंबर 2 सदस्य | 8 लाख रुपए |
लक्खे कुंजाम | ACM, गंगालूर एरिया कमेटी | 5 लाख रुपए |
भीमा कारम | मिलिट्री प्लाटून नंबर 12 सदस्य | 5 लाख रुपए |
सन्नू लेकाम | मिलिशिया प्लाटून कमांडर | 2 लाख रुपए |
सुखराम अवलम | जनताना सरकार उपाध्यक्ष | 2 लाख रुपए |
चैतू कुंजाम | मिलिशिया सदस्य | 30 हजार रुपए |
सन्नू अवलम | भूमकाल मिलिशिया सदस्य | 30 हजार रुपए |
सुनीता कुंजाम | मिलिशिया सदस्य | 10 हजार रुपए |
जोगा बरसी | मिलिशिया सदस्य | 10 हजार रुपए |
भीमा ओयाम | मिलिशिया सदस्य | 10 हजार रुपए |
दुला तामो | मिलिशिया सदस्य | 10 हजार रुपए |
काली वर्दी उतारी और सादे कपड़ों में गांव में घुस गए
फोर्स से खुद को घिरता देख नक्सलियों ने खुद को बचाने के लिए नई रणनीति पर काम किया। कई नक्सलियों ने मुठभेड़ स्थल पर ही अपने हथियार छोड़ दिए। इसके बाद अपनी काली वर्दी उतारी और बचते-बचाते में गांव में घुस गए ताकि फोर्स उन पर हमला कर सके। हालांकि पुलिस ने शक के आधार पर कुछ लोगों को पकड़ा है। जिनकी पहचान की जा रही है।
TCOC में फोर्स की सेंचुरी पूरी, अब तक 103 मारे
बस्तर में नक्सलियों के TCOC में फोर्स की सेंचुरी पूरी हो गई है। पहली बार ऐसा हुआ है कि पुलिस ने बस्तर के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग टुकड़ी में लगातार 130 दिनों तक नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया, और 103 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इनमें पिछले 40 दिनों में 4 बड़े एनकाउंटर हुए हैं। बीजापुर, नारायणपुर और कांकेर में बल्क में लगभग 3 करोड़ रुपए के इनामी नक्सली मारे गए हैं।
इसी इलाके में होती है भर्ती
तीन जिलों की सरहद पर बसे इस इलाके में सबसे ज्यादा नक्सल भर्ती होती है। जिन युवाओं को नक्सली अपने साथ लेकर चले जाते हैं, उन्हें ट्रेनिंग देने यहीं भेजते हैं। नए लड़ाकों को गुरिल्ला ट्रेनिंग दी जाती है। हथियार चलाने से लेकर देसी हथियार और IED बनाने की ट्रेनिंग देते हैं। नक्सलियों के इस ट्रेनिंग सेंटर में जो सबसे बेहतर फाइटर होता है, उसे उस आधार पर हथियार और एरिया कमेटी में भेजा जाता है।
माइंस और रेलवे ट्रैक को पहुंचाते हैं नुकसान
बैलाडीला की पहाड़ी में माइंस और रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाने का काम भी इसी डिवीजन के नक्सली करते थे। इससे पहले NMDC खदान में हुई आगजनी, रेलवे ट्रैक उखाड़ने की घटनाओं को इन्हीं नक्सलियों ने अंजाम दिया था। ऊंचे पहाड़ और घने जंगल होने की वजह से नक्सलियों को यहां मूवमेंट करने ज्यादा आसानी होती है। दक्षिण बस्तर में उनके छिपने का यह सबसे सुरक्षित ठिकाना है।
इस बार नक्सलियों को घेर कर मारा
इससे पहले बीजापुर, सुकमा या दंतेवाड़ा की पुलिस फोर्स जब भी इस इलाके में घुसती और मुठभेड़ होती, तो इसी इलाके के घने जंगल में नक्सली अपना ठिकाना बदल लेते थे। छिप जाते थे। लेकिन महीनों की प्लानिंग के बाद पुलिस को नक्सलियों की सटीक जानकारी मिली। तीनों जिले से 1200 से अधिक जवानों ने 5 किमी के दायरे को घेर लिया। जिसके बाद 12 नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ।
जानिए कौन है कुख्यात नक्सली पापाराव
बता दें कि, SZCM पापाराव खूंखार नक्सली कमांडर है। वर्तमान में पश्चिम बस्तर डिवीजन का लीडर है। पीडिया इलाका इसका आधार क्षेत्र है। सूत्र बताते हैं कि इसकी उम्र करीब 50 से 55 साल की है। इसके लिए 2 लेयर की सुरक्षा रहती है। इसका पर्सनल गार्ड भी रहता है। यदि इस इलाके में पापाराव पकड़ा जाता है या उसका एनकाउंटर हो जाता है, तो इस इलाके में थोड़ी शांति स्थापित होगी।