डिप्टी सीएम शर्मा बोले-बहन…घर आऊंगा तो भाजी बनाना : कवर्धा के सरेंडर नक्सल दंपती से वीडियो कॉल पर बात की; 10वीं पास होने की बधाई दी….!!

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ठीक है बहन, घर आऊंगा तो खाना खिलाओगी न…भाजी बनाना….ये बात छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा वीडियो कॉल पर आत्मसमर्पित नक्सली दंपती से कह रहे थे। शर्मा ने 10वीं की परीक्षा पास करने वाले पूर्व नक्सली दिवाकर और उसकी पत्नी से बात की। सरेंडर के बाद दोनों आम जिंदगी जी रहे हैं।दिवाकर ने स्कूल जाने की उम्र में नक्सलियों का साथ चुन लिया था। बंदूक उठा ली थी और कई बड़ी नक्सल वारदातों में शामिल था। कुछ महीने पहले सरेंडर के बाद दिवाकर ने पढ़ाई शुरू की। इस साल 10वीं की परीक्षा दी, पास भी हुआ तो गृहमंत्री ने वीडियो कॉल पर बात की। इस दौरान कवर्धा SP अभिषेक पल्लव भी मौजूद रहे।

पढ़ाई की बात सुन चौंक गए डिप्टी CM
पूर्व नक्सली दिवाकर से वीडियो कॉल पर विजय शर्मा ने पूछा कैसे तैयारी की। दिवाकर ने कहा दिनभर पढ़ता था। रात में खाना खाकर फिर पढ़ता था। ये सुनकर शर्मा हैरान हुए और कहा अरे वाह। उन्होंने कहा कि दिवाकर भैया, रायपुर आओ तो मिलना।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बाकी साथियों से भी अपील करता हूं कि वे बुलेट का रास्ता छोड़कर बैलेट का रास्ता चुनें, हम हरसंभव मदद कर रहे हैं।

पति-पत्नी दोनों पर लाखों का इनाम
डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा से वीडियो कॉल कर बात कर रहे लिवरु उर्फ दिवाकर पर कभी 14 लाख का इनाम था। सरेंडर के बाद पुलिस के सहयोग से इसने 10वीं की परीक्षा पास की। दिवाकर ने महज 16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था।

नक्सली के रूप में 17 सालों तक जंगल-जंगल भटकने के बाद अपनी पत्नी के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। पत्नी पर 8 लाख रुपए का इनाम था। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत अब दोनों समाज की मुख्यधारा से जुड़कर काम कर रहे हैं।

नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज में अपनी पहचान बन रहे

गृह मंत्री शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नीति से प्रभावित होकर राज्य के नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं। उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई है कि कबीरधाम पुलिस की पहल और मदद से जिले के नक्सल प्रभावित गांवों के 105 छात्रों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है। शर्मा ने कबीरधाम पुलिस की भी सराहना की है।

कबीरधाम पुलिस ने 2 सौ बच्चों को दिलाई थी परीक्षा

दरअसल, कबीरधाम पुलिस ने जिले के वनांचल और अति नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चों को शिक्षित करने और उनकी पढ़ाई-लिखाई जारी रखने के लिए 200 से ज्यादा बच्चों को कक्षा 10वीं और 12वीं की ओपन परीक्षा का फॉर्म भरवाया था। 105 बच्चे परीक्षा में पास हुए हैं। ये सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के चिल्फी, तरेगाव, रेंगाखार झलमला, बोड़ला के रहने वाले हैं।

नक्सलियों से बातचीत के मूड में सरकार
विजय शर्मा ने कहा कि नक्सवाद खत्म होना चाहिए। बस्तर के गांव-गांव तक विकास पहुंचना चाहिए। नक्सलियों से वार्ता के लिए सरकार हर पल तैयार है। उन्होंने नक्सलियों से फोन या वीडियो कॉल के जरिए बातचीत करने को कहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी कह चुके हैं कि सरकार पूरी ताकत के साथ नक्सलवाद से लड़ रही है, नक्सली मुख्यधारा से जुड़ें।

एनकाउंटर से डरकर 30 नक्सलियों ने किया था सरेंडर

बीजापुर जिले में चार दिन पहले पुलिस और CRPF अफसरों के सामने 30 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। यह सभी नक्सलियों की मिलिट्री से लेकर बटालियन में सक्रिय थे। उन्होंने कहा कि, नक्सल संगठन में भेदभाव किया जाता है। इसके साथ ही इन्हें एनकाउंटर का भी डर थे।

ये लोग बस्तर में हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में शामिल थे। इसके साथ ही 72 जवानों की शहादत में कसूरवार हैं। इनमें से 9 नक्सलियों पर 39 लाख रुपए का इनाम घोषित है। जिनमें 8 लाख रुपए के 2, 5 लाख रुपए के 4 और 1 लाख रुपए के 3 इनामी नक्सली शामिल हैं।

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