छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में पहाड़ों के जरिए ग्राउंड वाटर लेवर बढ़ाने के लिए 42 ग्राम पंचायतों ने पहल की है। इसके तहत 111 पहाड़ियों पर 2.25 लाख गड्ढे खोदे गए हैं। इनमें बारिश के पानी को रिस्टोर किया जाएगा। पहाड़ियों पर बने गड्ढे जब भर जाएंगे तो पानी को स्टोर करने के लिए नीचे टैंकनुमा बड़े तालाब बनाए गए हैं। इस अभियान को ‘जल रक्षा’ नाम दिया गया है। जिला पंचायत CEO बताती हैं कि इन गड्ढों को बनाने के लिए GIC आधारित तकनीकी का उपयोग किया गया है। इस पर करीब 1.16 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। खास बात यह है कि 1.5 लाख से ज्यादा ग्रामीणों ने इसके लिए 2 महीने तक लगातार योगदान दिया है।
ये सारी कवायद हरियाली और पानी के लिए…
दरअसल, राजनांदगांव में लगातार भूजल स्तर कम हो रहा है। ये 42 ग्राम पंचायतें सबसे ज्यादा पानी के संकट से जूझ रही हैं। इसे देखते हुए पंचायतों ने इस दिशा में कदम उठाया है। संभावना जताई जा रही है कि इससे पहाड़ों पर हरियाली आने के साथ ही जमीन की उपज क्षमता भी बेहतर होगी।
यहां पहाड़ों पर पौधारोपण किया जाएगा। पेड़ पौधों को उर्वरा शक्ति से फायदा मिलेगा। गड्ढे भर जाने के बाद मिट्टी बहकर आने वाले पानी को स्टोर करने के लिए भी 2250 तालाब बनाए गए हैं। पहाड़ों पर पानी के स्टोरेज से हरियाली फैलेगी, पर्यावरण को संरक्षित करने में बड़ा योगदान मिलेगा। पहाड़ों के नीचे जल का स्तर बढ़ेगा। जिससे किसानों को खेती करने में पानी की सुविधा मिलेगी।
ग्रामीण और फॉरेस्ट एरिया में 10 लाख से अधिक हेक्टियर में खोदे गए गड्ढे
- छुरिया ब्लॉक में मासुल, बुचाटोला, धरमुटोला, खोभा, महरूम, गुंडरदेही और कलडबरी में गड्ढे खोदे गए हैं।
- डोंगरगांव ब्लॉक में बड़भूम चारभाठा, ओड़ारबांध, गुंगेरी नवागांव, बनहरदी, कोकपुर, डोंगरगढ़ के एलबी नगर, खलारी और अछोली।
- राजनांदगांव में ग्राम देवडोंगर, मोहला ब्लॉक के रामगढ़, वासडी, कंदाडी, गोटाटोला, मटेवा, जोबटोला।
- मानपुर ब्लॉक में बोरिया, इरागांव, जामड़ी, कहडबरी, तारेकट्टा और कोरचा।
- चौकी ब्लॉक में चोरपानी, झिटिया, साल्हे, कुसुमकसा, सांगली, हितागुटा और गोपलिनचुवा।
- खैरागढ़ के मुढ़ीपार, चिचका, बोडेनवागांव और करेला।
- छुईखदान ब्लॉक में नादिया, नचनिया, समनापुर और बंजारपुर गांव की पहाड़ी में जल रक्षा के लिए गड्ढे किए गए हैं।
इन पंचायतों में बनाए जा रहे तालाब
- डोंगरगांव के 76 पंचायतों के 98 गांवों में 410 जगहों पर जल संवर्धन के लिए काम हो रहा है।
- छुरिया में 118 पंचायतों के 175 गांवों में 855 टैंकनुमा तालाब बनाया जा रहा है।
- डोंगरगढ़ के 101 पंचायतों के 149 गांवों में 683 काम हो रहे हैं।
- राजनांदगांव ब्लॉक के 112 पंचायत के 148 गांवों में 608, मोहला के 57 पंचायत के 135 गांवों में 304
- मानपुर के 59 पंचायत के 171 गांवों में 506, चौकी के 69 पंचायत के 106 गांवों में 266
- खैरागढ़ के 114 पंचायत के 201 गांवों में 881 और छुईखदान के 107 पंचायत के 175 गांवों में 685 जगहों पर जल संरक्षण की दिशा में तालाब और टैंक तैयार किया जा रहा है।
भू-जल संवर्धन मैप तैयार किया गया
जिला पंचायत CEO सुरुचि सिंह ने बताया कि, इसके लिए भू-जल संवर्धन मैप तैयार किया गया है। जीआईएस सर्वे के आधार पर विभिन्न स्थानों पर संरचनाएं बनाई जा रही हैं। ये संरचनाएं बहुत फायदेमंद हैं क्योंकि वे पानी को रिचार्ज करती हैं। मिट्टी को रिचार्ज करती हैं। इसका मतलब है कि अधिक हरियाली होगी, पीने का पानी होगा।
उन्होंने कहा कि, हम एक ‘जल आंदोलन’ भी शुरू कर रहे हैं, जिसमें किसानों को फसल चक्र परिवर्तन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, कि वे कम पानी वाली पैदावार लगाएं।