मातृ-पितृ भक्ति की वजह से भगवान गणेश की पूजा पहले करने का वरदान…!!

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बालोद – ग्राम डुड़िया (अर्जुन्दा) में संगीतमय शिवमहापुराण में 6वें दिन भरदाकला के कथावाचक पं. भोजेन्द्र अवस्थी ने भगवान गणेश व कुमार कार्तिकेय की कथा सुनाई। पं. ने कहा कि भगवान शंकर और पार्वती ने गणेश और कार्तिक की परीक्षा ली। जिसमें पूरे ब्रह्मांड का चक्कर काटने वाले को प्रथम पूज्य का पद देने की बात कही। प्रतियोगिता में दोनों ही ब्रह्मांड का चक्कर काटने निकले तो कार्तिक मोर पर सवार हो पूरे ब्रह्मांड का चक्कर काटने लगे और भगवान गणेश ने माता- पिता की परिक्रमा कर ली। इस परिक्रमा के बाद जब कार्तिकेय अपने माता-पिता के पास पहुंचे तो देखा कि गणेश पहले ही मौजूद थे। गणेश के इस मातृ एवं पितृ भक्ति को देख भगवान शंकर और पार्वती ने किसी भी कार्य को करने के पहले भगवान गणेश की पहली पूजा का वरदान दिया। इस दौरान टामन सिंह, शांता, कीर्तिप्रकाश, ज्योति, जितेंद्र प्रताप सिंह, सोनम, श्रेया, श्रीचा पंवार, साधना, संध्या, सुधा, राजेश्वरी ठाकुर सहित अन्य उपस्थित थे।

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