नौतपा में आसमान से आग बरसने का सिलसिला जारी है। रात में बेहाल कर देने वाली उमस झेलनी पड़ रही है। सबसे बड़ी परेशानी यह कि इस भीषण गर्मी में बच्चे, बूढ़े, जवान हर आयु वर्ग के लोगों की सेहत बिगड़ने लगी है। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला में गर्मी के इस प्रकोप से बीमार हुए 57 लोग पहुंचे हैं।
गर्मी के प्रकोप से पस्त हुए इन लोगों में पांच वर्ष के 15 बच्चे भी शामिल हैं। प्रभारी डॉ. पियम सिंह के मुताबिक उल्टी-दस्त के साथ तेज बुखार के कारण किसी को भर्ती करना पड़ा है, तो कोई बुखार के साथ उल्टी से पस्त होने के कारण भर्ती है। कुछ को ओपीडी स्तर पर दवा और ओआरएस घोल देकर घर भेज दिया गया है। ज्यादा परेशानी वालों को भर्ती कर फ्ल्यूड लगाया गया है।
फौरी इलाज शुरू होने से सभी को राहत मिल गई है। बचाव के लिए इलाज करने वाले डॉक्टरों ने हर व्यक्ति को खुद को हाइड्रेट रखने अर्थात ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेकर पानी कम नहीं हाेने देने की सलाह दी है। साथ ही चेतावनी भी कि हाइड्रेट रखने का मतलब यह नहीं कि जहां-तहां खुले में बिकने वाला ठंडा तरल पदार्थ पीएं। उनके अनुसार खुले में बेचा जा रहा तरल पदार्थ बैक्टीरिया युक्त होने पर उल्टी-दस्त की परेशानी और बढ़ा सकता है।
पानी की कमी न होने दें
शास्त्री अस्पताल में गुरुवार को कुल 367 मरीजों ने पंजीकरण कराया है। इमसें अलग-अलग ओपीडी में 57 गर्मी की वजह उल्टी-दस्त व अन्य परेशानियों से पीड़ित मिले हैं। जबसे नौतपा लगा है, गर्मी की वजह बीमार होने वालों की संख्या बढ़ गई है। सबमें पानी की कमी मिल रही है। इससे बचने का एकमात्र उपाय सिर्फ खुद काे हाइड्रेट रखना होता है। ध्यान रहें, गंदा पानी या तरल पदार्थ और परेशान कर सकता है।
– डॉ. पियम सिंह, प्रभारी, सुपेला।