शोल्डर इंजरी के बाद डर गए थे कार्तिक आर्यन : चोटिल होकर भी देते रहे बॉक्सिंग सीन्स, बोले- शेड्यूल के चलते डेट्स आगे नहीं बढ़ा सकते थे…!!

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एक्टर कार्तिक आर्यन की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ का ट्रेलर जब से रिलीज हुआ है। एक्टर की खूब तारीफ हो रही है। यह फिल्म स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर की बायोपिक हैं। जिन्होंने 1970 के राष्ट्रमंडल खेलों में और फिर 1972 में जर्मनी में हुए पैरालंपिक में देश का नाम रोशन किया था।

इस फिल्म में कार्तिक आर्यन ने मुरलीकांत पेटकर की भूमिका निभाई है। ये फिल्म 14 जून 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। हाल ही में इस फिल्म को लेकर कार्तिक आर्यन ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। कार्तिक ने बताया कि शोल्डर इंजरी के बाद वो डर गए थे, लेकिन शूटिंग शेड्यूल तय होने की वजह से डेट्स आगे नहीं बढ़ा सकते थे।

स्वीमिंग और बॉक्सिंग की वजह से हालत बिगड़ गई थी

मैंने शोल्डर इंजरी के बारे में कभी मेंशन किया ही नहीं। मैं तो भूल ही गया था। मेरा दाहिना कंधा पहले से ही किसी वजह से टूटा हुआ था। स्वीमिंग और बॉक्सिंग करने की वजह से वो दोबारा उभर गया। स्वीमिंग मुझे थोड़ा जल्दी सीखना था तो उसकी स्पीड थोड़ी सी फास्ट कर दी। अचानक एक दिन मेरा दाहिना कंधा जवाब दे दिया। वो बहुत बड़ी इंजरी थी, जिससे मैं बहुत डर गया था कि फिल्म के लिए फिजिक कैसे बना पाऊंगा। उसी समय जिम भी जाना था। बॉक्सिंग भी सीखनी थी।

फिल्म की शूटिंग का शेड्यूल ऐसा बना था कि डेट्स आगे नहीं ले जा सकते थे। क्योंकि जिस लोकेशन पर हमें फिल्म शूट करनी थी वो लोकेशन हमें दो साल के बाद मिल रही थी। ऐसे में फिजियोथैरेपी और मसाज से मुझे बहुत मदद मिली। कई तरीके अपनाकर मेरी इंजरी को ठीक करने की कोशिश की जा रही थी। शोल्डर इंजरी के बाद भी एक्सरसाइज, स्वीमिंग और बॉक्सिंग सीखना बंद नहीं किया था।

जब उनसे पूछा गया कि क्या मोटिवेशन था, जिसके चलते वो अपनी चोट को नजरअंदाज करके इतनी मेहनत कर पा रहे थे? इस पर कार्तिक ने कहा- मुझे फिल्म की कहानी बहुत पसंद आई थी। मैं हर समय यही सोचता रहता था कि ये कहानी किसी भी तरह हर किसी तक पहुंचनी चाहिए। ताकि लोग जान पाएं कि मुरलीकांत पेटकर ने क्या-क्या किया है।

कार्तिक ने कहा- इस कहानी से मैं खुद को भी रिलेट कर पाया हूं। फिल्म की पूरी जर्नी मेरे लिए बहुत टफ थी। लेकिन मैं ये कह सकता हूं कि ये फिल्म मेरे अब तक के करियर की बेस्ट फिल्म है। अब जब फिल्म देखता हूं तो समझ में आता है कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान जो भी इंजरी हुई उसके कोई मायने नहीं हैं। फिल्म देखने के बाद वो सारी मेहनत सफल लगती है।

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