छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पूर्व PWD मंत्री ताम्रध्वज साहू के करीबी और कांग्रेस कार्यकर्ता ने कई बेरोजगार युवाओं से नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की है। यह आरोप खुद उन बेरोजगारों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाया है। साथ ही धोखाधड़ी मामले में कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की है।
तालपूरी बी ब्लॉक रिसाली निवासी शुभम यादव, संतोष यादव और मितेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, यहां के पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू थे, तो उनके नाम पर अमनदीप सोढ़ी ने उनसे और 15-20 अन्य बेरोजगारों से लाखों रुपए की ठगी की। अमनदीप सोढ़ी रिसाली क्षेत्र में रहता है और कांग्रेसी नेता होने के साथ ही गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का करीबी था।
PWD विभाग में नौकरी लगवा देने के नाम पर ठगी
उसने बताया कि वो उन सभी की PWD विभाग में नौकरी लगवा देगा। उसकी पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू और उनके बेटे जितेंद्र साहू से काफी पहचान है। लड़के और उनके परिजन अमनदीप की बातों में आ गए और उसे 3-6 लाख रुपए पर लड़के ने दिया। रुपए लेने के बाद भी जब उसने उनकी नौकरी नहीं लगाई तो लड़कों ने इसकी शिकायत पुलिस में की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर किया खुलासा
रामेश्वर प्रसाद दरगाह, निहाल सिंह ठाकुर, जसमीत सिंह कोन्डल, मितेश वर्मा, शुभम यादव, संतोष यादव, ललीला साहू, उषा सेन, नितिश कुमार गिरपुडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत दुर्ग IG और SP से की तो उसके बाद अमनदीप ने उन्हें एक चेक दिया और जल्द पैसा लौटाने का वादा किया।
अब चुनाव बीतने के बाद जब उन्होंने पैसा मांगा तो वो उन्हें धमकी दे रहा है और कह रहा है कि वो कोई पैसा नहीं लौटाएगा।
पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के करीबियों में से एक
रिसाली के भाजपा पार्षद धर्मेंद्र भगत ने बताया कि अमनदीप सोढी पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के काफी करीबी रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर अपनी पत्नी प्रीति सोढ़ी को पार्षद चुनाव लड़ाया था। निगम में कोई भागीदारी ना होने के बाद भी वो पूर्व गृहमंत्री और उनके बेटे की शह पर निगम में काफी दखल दी थी। इन्हीं करीबियों का फायदा उठाकर उन्होंने लोगों से ठगी की है।
पूर्व गृहमंत्री ने जानकारी होने से किया मना
पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अमनदीप सोढ़ी उनका नहीं, बल्कि कांग्रेस का कार्यकर्ता है। पार्टी में होने के नाते वो उनके यहां आता था। उनके पीछे वो क्या काम करता था, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उसने नौकरी लगाने के लिए पैसे लिए हैं तो ये पूरी तरह से गलत है। उन्हें इसकी जरा भी जानकारी नहीं है।