आप चाहे जितना भी कमाते हों, अगर आपने पैसों की सही देख-रेख नहीं की और बचत नहीं की तो समझिए कि मुश्किल घड़ी कभी भी आ सकती है। आज हम आपको बता रहे हैं कि पैसों का प्रबंधन करने के तरीके क्या हैं और क्या गलतियां न करें कि आपका पैसा आपके लिए दोस्त बन जाए।
बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, हर किसी की वित्तीय स्थिति उसके जीवन के तमाम उतार-चढ़ावों, उसकी जरूरतों और उसकी जिम्मेदारियों पर निर्भर करती है। ऐसे में अपने फाइनेंशियल प्लान को मौजूूदा हालात के आधार पर बनाएं। अपना इमरजेंसी फंड बनाएं, जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस, बुढ़ापे में अपनी बचत के लिए अभी से प्लान करना बहुत जरूरी है।
इमरजेंसी फंड आपके लिए देवदूत, जरूर बनाएं
फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई भी बचत करने से पहले अपने लक्ष्य जरूर तय करें। अपनी बचत से ही इमरजेंसी फंड बनाएं। आपका इमरजेंसी फंड आपकी इनकम का 3 से 6 गुना होना चाहिए, जो नौकरी जाने, परिवार में किसी को अचानक अस्पताल में भर्ती कराने, इलाज कराने जैसी अकस्मात आई जरूरतों के लिए देवदूत से कम नहीं होगा।
चक्रवृद्धि ब्याज से आपके पैसों में चौगुना बढ़ोतरी
जब आप निवेश करते हैं तो चक्रवृद्धि ब्याज से आपके पैसे बढ़ते हैं। आपके निवेश पर लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न मिलता है। मान लीजिए, आपने 12 फीसदी रिटर्न के वादे वाली 10 वर्षीय योजना में 10 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब सेे निवेश किया तो आपको 10 साल में 12 लाख रुपए निवेश करना होगा। योजना की मैच्योरिटी पर यानी 10 साल बाद आपको वादे के मुताबिक कुल 23.23 लाख रुपए मिलेंगे।
साल भर के लिए बजट बनाएं
जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, देश चलाने के लिए जब बजट बनता है तो आप अपने घर के लिए भी बजट बनाएं। इससे आप साल भर के लिए अपनी वित्तीय प्राथमिकताओं को तय कर सकते हैं और उसके आधार पर अपनी इनकम को बांट सकते हैं।
इससे आपको ये भी पता चलेगा कि कहां अधिक खर्च करना है और कहां कम खर्च करना है। जैसे आपने साल भर के हिसाब-किताब से देखा कि आपने सिर्फ बाहर से फूड ऑर्डर करने पर हजारों रुपए फूंक दिए हैं। तो इस बार सोच-समझकर बजट बनाते हुए आप अपनी इस आदत में बदलाव कर सकते हैं।
बचत के लिए लक्ष्य तय करें
बचत के लिए आप एक लक्ष्य चुनें। बिना चूक किए आप हर महीने अपनी इनकम का 15-20 फीसदी हिस्सा बचत कर सकते हैं। बचत के लिए आपको अपनी सैलरी का एक हिस्सा खर्च करने से पहले ही सेव कर देना चाहिए।
बैंक से भुगतान खुद ब खुद हो जाए
आप अपने वित्तीय कामकाज के लिए बैंक से भुगतान का ऑटोमेटेड तरीका अपनाएं। इससे हर महीने आपके बैंक से एक नियत राशि आपकी पसंद की बचत योजनाओं में अपने आप ही ट्रांसफर हो जाएगी।
बिजली का बिल हो या कुछ और पेमेंट, ये सभी काम नेट बैंकिंग या भुगतान ऐप्स के माध्यम से ऑटोमेशन मोड पर करें। देरी से भुगतान करने पर लगने वाले जुर्माने से बचना भी एक प्रकार की बचत ही है।
स्वीप-इन फिक्स डिपॉजिट का इस्तेमाल करें
अगर आपके पास बचत और खर्चे के बाद बहुत ही कम राशि बचती है तो आप अपनी बचत को खर्च करने पर मजबूर हो सकते हैं। जरूरत से अधिक पैसे की बचत करने के लिए स्वीप-इन फिक्स डिपॉजिट का इस्तेमाल करें और अधिक रिटर्न पाएं। अपनी बचत को प्रोविडेंट फंड में जमा करवाएं।
सिस्टमैटिक निवेश योजना यानी एसआईपी की शुरुआत करें। अधिक रिटर्न पाने के लिए आपके पास कई विकल्प हैं।
हाई इंटरेस्ट रेट वाले लोन से छुटकारा पाएं
ज्यादा ब्याज देने वाले लोन को कम करें। क्रेडिट कार्ड से जुड़ी बकाया रकम का भुगतान सबसे पहले करने की कोशिश करें। इससे और अधिक बचत करने के लिए आपके पास इनकम होगी। होम लोन के समय प्री-पेमेंट से भी आपको अपने लोन से अधिक तेजी से मुक्ति पाने में मदद मिलेगी। आप ज्यादा ब्याज वाले लोन को कम ब्याज दरों वाले लोन में बदलवा सकते हैं।
फिजूलखर्ची पर लगाम लगाएं
फिजूलखर्च पर लगाम लगाएं। खर्च कम करेंगे तो बचत ज्यादा होगी। आपका बजट सीमित है तो जरूरी चीजों की ऑफलाइन या ऑनलाइन खरीदारी करें। ब्रांड्स के चक्कर में न पड़ें।
उधार की जिंदगी न जिएं
जितनी आपकी कमाई है, उसी में आप अपना जीवन चलाने की कोशिश करें। उधार लेने से बचें। भले ही ये क्रेडिट कार्ड पर ही लिया गया उधार क्यों न हो। डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर किए गए खर्चे पर मिलने वाले रिवॉर्ड प्वाइंट्स को रिडीम करवाएं। लोन उतना ही लें, जितना सभी खर्चों के बाद आप हर महीने अपनी ईएमआई दे सकें।