बिलासपुर जिले के सेमरताल के कोटवार ने सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति को बेच दिया है। प्रतिबंध के बाद भी कोटवारी जमीन बेचने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटवार को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही जमीन की रजिस्ट्री निरस्त कर शासन के पक्ष में रिकॉर्ड दुरुस्त करने का आदेश दिया है।
दरअसल, ग्राम सेमरताल के सरपंच ने कलेक्टर अवनीश कुमार शरण से लिखित शिकायत की थी। उसने बताया कि गांव के कोटवार परमेश्वर दास मानिकपुरी ने खसरा नंबर 532 व 553 की कोटवारी भूमि को छलपूर्वक बेच दिया है, जबकि शासन के आदेश के अनुसार कोटवारी भूमि की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध है।
इस शिकायत पर कलेक्टर ने राजस्व अनुविभागीय अधिकारी पीयूष तिवारी को जांच के निर्देश दिए, जिसके बाद नायब तहसीलदार राहुल शर्मा ने प्रकरण दर्ज कर मामले की, जिसमें पता चला कि सेमरताल खसरा नंबर 532 एवं 553 की कोटवारी भूमि है, जिसे अवैध तरीके से कोटवार परमेश्वर दास मानिकपुरी ने बेच दिया है।
संतोषजनक नहीं दिया जवाब, अब बर्खास्त
जांच के दौरान कोटवार परमेश्वर दास मानिकपुरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसने संतोष जनक नहीं होने दिया। मामले में कोटवार की संदिग्ध भूमिका होने पर जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने कोटवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसके साथ ही उक्त जमीन की रजिस्ट्री निरस्त कर शासन के पक्ष में रिकॉर्ड दुरुस्त करने का आदेश दिया है।
जिले के कोटवारी भूमि की जांच के निर्देश
मामला सामने आने के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को यह निर्देश दिया है कि प्रत्येक ग्राम के कोटवारी भूमि की जांच की जाए। अगर ऐसी स्थिति पाई जाए कि किसी गांव में कोटवारी की जमीन अवैध रूप से बेची गई है तो उसके खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए। उसे सेवा से बर्खास्त किया जाए।