हत्या के खूंखार आरोपी को गैंग के लोग पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा कर ले गए, पुलिस पर कट्टा टिकाया….!

Spread the love

दुर्ग से एक ऐसी हैरान करने वाली वारदात सामने आई है जिसने कानून व्यवस्था पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। दुर्ग जिला अस्पताल से लूट और हत्या के आरोपी अभिषेक झा को उसकी गैंग के साथी पुलिस से छुड़ा कर ले गए। अभिषेक केंद्रीय जेल दुर्ग में बंद था। 24 नवंबर की रात उसे जिला अस्पताल दुर्ग में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। 25 नवंबर की रात हथियारबंद 4 युवक वहां पहुंचे और उसे अपने साथ भगाकर ले गए।

ड्यूटी पर तैनात जेल के आरक्षक ने बताया कि जिला अस्पताल के कैदी वार्ड में हत्या और लूट के आरोपी अभिषेक झा का इलाज चल रहा था। वो कैदी वार्ड में भर्ती था। बुधवार रात करीब 10 बजे के बीच 4 लोग हथियार के साथ पहुंचे। उन्होंने उसके साथ मारपीट कर अभिषेक को अपने साथ भगा ले जाने की कोशिश की ! विरोध और शोरगुल होने पर जब दूसरा जेल प्रहरी वहां आया, तो उन लोगों ने उनके ऊपर कट्टा टिका दिया। इसके बाद उन लोगों ने अभिषेक झा को साथ लिया और वहां से फरार हो गए। दुर्ग पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कई टीमों को लगाया है। राष्ट्रबोध की इस खबर को लिखे जाने तक आरोपी पकड़ा नहीं जा सका था।

ज्वेलर्स को अमलेश्वर में मारी थी गोली

अभिषेक झा उत्तर प्रदेश का पेशेवर अपराधी है। वो लगभग एक साल पहले अपने साथियों के साथ अमलेश्वर में समृद्धि ज्वेलर्स को लूटने गया था। इस दौरान उसने कट्टे से गोली मारकर ज्वेलर्स की हत्या कर दी थी। अभिषेक के खिलाफ दुर्ग, रायपुर समेत अन्य जिलों में कई गंभीर मामले दर्ज हैं।

हत्या का आरोपी दूसरी बार फरार

अभिषेक झा इतना शातिर अपराधी है कि वो अधिक दिन तक जेल में नहीं रहता। सजा के दौरान ये दूसरी बार अभिरक्षा से भागा है। इससे पहले वो रायपुर में पेशी के दौरान कोर्ट से फरार हो गया था। उसने फरारी के दौरान ही अम्लेश्वर में 3 साथियों के साथ लूट और हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद रायपुर और दुर्ग की पुलिस ने मिलकर उसे उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया था।

जेल के अंदर मोबाइल से चलती है गैंग

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जेल दुर्ग में अपराधियों को मोबाइल फोन काफी सहजता से उपलब्ध है। जेल प्रबंधन द्वारा महीने का किराया लेकर उन्हें मोबाइल दिया जाता है। इससे वो जेल के अंदर बैठे-बैठे ही अपना गैंग संचालित कर रहे हैं। इससे पहले भी जेल के अंदर का वीडियो कुछ आरोपियों ने वायरल किया था। आरोप है कि अभिषेक झा के पास भी मोबाइल फोन था। उसने जेल के अंदर से अपने लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती होने की खबर दे दी थी। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से वो वहां से फरार हो गया।

इस वारदात को जिस तरीके से अंजाम दिया गया है इससे पुलिस और कानून व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है। देर-सवेर आरोपी तो पकड़े जाएंगे। लेकिन इस वारदात ने अपराधियों के बुलंद हसले को जाहिर कर दिया है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *