अवैध प्लॉटिंग के पुख्ता सबूत:तहसील ऑफिस से मांगी गई थी जानकारी, आठ पर इसी महीने दर्ज होगी एफआईआर…!!

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राजधानी में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ लगातार एक महीने से कार्रवाई जारी है। जोन वालों ने तहसील से जानकारी मांगी थी कि सरकारी जमीन के आसपास किसकी जमीन है, क्योंकि ज्यादातर जगहों पर ऐसे ही लोगों ने अवैध कब्जा कर प्लाटिंग की थी। अब तहसील से ऐसे लोगों की जानकारी मिल गई है।

पहली जांच में 32 नाम सामने आए हैं। इनके खिलाफ पुख्ता प्रमाण है कि इन्होंने अवैध प्लाटिंग की है। कई लोगों को प्लॉट भी बेच दिए। इनमें आठ के खिलाफ अगले हफ्ते ही एफआईआर हो जाएगी। जोन 6 और 8 के उपअभियंता इसकी तैयारी कर रहे हैं। वे ही इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। इस हफ्ते अभी सबसे ज्यादा कबीर नगर, सड्डू, कोटा, रामकृष्ण परमहंस वार्ड, सरोना और साइंस सेंटर के आसपास अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

इन जगहों से 50 एकड़ से ज्यादा जमीन भूमाफियाओं से छुड़ाई गई है। ज्यादातर लोगों ने बिना ले-आउट पास कराए यह प्लॉट बेच रहे थे। सस्ती कीमत में मिलने की वजह से लोगों ने इसकी खरीदी भी कर ली थी। इसके अलावा कई जमीन दलाल ऐसे हैं जिन्होंने सरकारी जमीन को मिलाकर अपना प्रोजेक्ट तैयार कर लिया। ऐसे लोगों पर भी अब सख्ती की जा रही है। निगम अफसरों ने पिछले साल भी 37 से ज्यादा मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन ज्यादातर मामलों में गिरफ्तारी नहीं होने की वजह से भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

अफसरों से सांठगांठ का भी आरोप :  पड़ताल में पता चला है कि अवैध प्लाटिंग करने वाले ज्यादातर शहर के जमीन दलाल हैं। ये निगम और तहसील वालों से सांठगांठ करते हैं। ये ऐसी जगह पर जमीन खरीदते हैं जहां आसपास सरकारी या घास जमीन हो। इसमें किसानों को मुख्य रूप से टारगेट करते हैं।

उन्हें जमीन का बयाना देकर रजिस्ट्री कराने का समय ले लिया जाता है। इसी बीच जमीन की प्लाटिंग शुरू कर दी जाती है। किसानों से कम कीमत में लेकर ज्यादा रेट में बेचते हैं। जैसे-जैसे जमीन बिकती है किसानों को भुगतान किया जाता है। सभी प्लॉट बिकने के बाद सीधे किसानों को रजिस्ट्री दफ्तर में खड़े कर पंजीयन करा दिया जाता है। जो बड़ा मुनाफा होता है उसे वो खुद रखते हैं। इसमें बड़ा हिस्सा निगम और तहसील के अफसरों को भी मिलता है।

निगम के जोन दफ्तरों से जो भी जानकारी मांगी जा रही है उसे तुरंत दिया जा रहा है। जिन लोगों ने अवैध प्लाटिंग की थी उनके नामों की सूची दस्तावेजों के साथ दे दी गई है। जोन वाले अब उनके खिलाफ एफआईआर कराएंगे।
नंद कुमार चौबे, एसडीएम रायपुर

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