रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में 2021 से 2023 के बीच हुए 140 करोड़ रुपये के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में 3200 पन्नों का अभियोजन परिवाद पेश किया है। आरोप है कि तत्कालीन एमडी मनोज सोनी और राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर ने मिलकर यह घोटाला किया था। सूत्रों के अनुसार, घोटाले का कमीशन पिछली सरकार के प्रभावशाली लोगों और राजनेताओं तक पहुंचाया गया था। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि मार्कफेड के अधिकारियों और राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग किया और करोड़ों रुपये की रिश्वत कमाने की साजिश रची। इसके तहत, उन्होंने सरकार से विशेष प्रोत्साहन राशि बढ़वा दी। पहले सरकार धान की कस्टम मिलिंग के लिए प्रति क्विंटल 40 रुपये का भुगतान करती थी, जिसे बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था। यह रकम दो किश्तों में भुगतान की गई थी। आरोप है कि रोशन चंद्राकर ने एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर प्रति क्विंटल 20 रुपये रिश्वत वसूली, जिसे मार्कफेड के जिला अधिकारियों को दिया गया और उनके माध्यम से उच्च अधिकारियों और नेताओं तक पहुंचाया गया।
सूत्रों का दावा है कि इस घोटाले में 140 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का गबन किया गया था। रिश्वत देने वाले चावल मिलों के बिलों का भुगतान जल्दी किया गया, जबकि रिश्वत न देने वालों के बिलों का भुगतान रोक दिया गया। कई बिलों का भुगतान आज भी नहीं किया गया है। इस मामले में 27 जुलाई को सुनवाई होनी है।
यह घोटाला छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी का विषय है और यह देखना बाकी है कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।
यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है:
- ईडी ने इस मामले में पहले ही कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
- घोटाले की जांच अभी भी जारी है और आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
- इस घोटाले ने राज्य में किसानों और आम जनता में काफी नाराजगी पैदा कर दी है।