छत्तीसगढ़ में पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट: 15 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन

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भिलाई । स्टील प्लांट के मरोदा जलाशय में एनएसपीसीएल द्वारा स्थापित किया जा रहा है यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट छत्तीसगढ़ का पहला होगा।

15 मेगावाट क्षमता वाला यह प्लांट पूरे भारत में सभी सेल प्लांट्स में अपनी तरह का पहला होगा।

यहाँ कुछ मुख्य बातें हैं जो आपको जाननी चाहिए:

  • पर्यावरणीय लाभ:
    • जल वाष्पीकरण कम होगा, जिससे बीएसपी का पैसा बचेगा।
    • जल संरक्षण में मदद मिलेगी।
    • सोलर पैनलों की दक्षता बढ़ेगी।
    • कार्बन फुटप्रिंट और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होगा।
  • ऊर्जा लाभ:
    • भिलाई स्टील प्लांट की ऊर्जा आवश्यकताओं का काफी हद तक हिस्सा पूरा होगा।
    • कोयले की खपत कम होगी।
    • स्थिर और पर्यावरण अनुकूल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
  • अन्य लाभ:
    • यह सेल की नवीकरणीय ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।
    • यह एनटीपीसी और एनएसपीसीएल के लिए अनुभव और विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर होगा।

यह 15 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट न केवल छत्तीसगढ़ के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।

यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

  • एनटीपीसी (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम) और एनएसपीसीएल (एनटीपीसी-सेल पावर कंपनी लिमिटेड) संयुक्त उद्यम हैं।
  • एनटीपीसी विभिन्न स्थानों पर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित करने और संचालित करने में अनुभवी है।
  • रामागुंडम में 100 मेगावाट क्षमता वाला सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट एनटीपीसी द्वारा संचालित किया जाता है।

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