जोन दफ्तरों में मतदाता सूची अपडेट करने का काम पूरा, अब मंगाएंगे दावा-आपत्ति

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रायपुर। राजधानी में दिसंबर में होने वाले निगम चुनाव के लिए परिसीमन का काम तेज हो गया है। निगम के सभी 10 जोन दफ्तरों में मतदाता सूची अपडेट करने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है।शहर की आबादी 15 लाख मानकर तय किया गया है कि हर वार्ड में मतदाताओं की संख्या 15 हजार होनी चाहिए। उसी हिसाब से वार्डों की नई सीमा तय की जाएगी। निगम के जोन दफ्तरों में मतदाता सूची को अनुभाग में बांटा गया है ताकि हर वार्ड की मतदाता सूची अपडेट होने के साथ ही उसकी वास्तविक संख्या भी पता चल सके। अभी प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि ज्यादातर वार्डों में 12 से 15 हजार मतदाता हैं।

इनमें कई वार्ड ऐसे हैं जहां मतदाताओं की संख्या 18 हजार से भी ज्यादा है। इसलिए इन सभी वार्डों में मतदाताओं की संख्या 15 हजार करने की योजना है। वार्डों का परिसीमन भी इसी आधार पर किया जा रहा है, जिस वार्ड में मतदाताओं की संख्या 15 हजार से कम होगी उस वार्ड की सीमा बढ़ाकर उसमें आसपास के इलाकों को जोड़ा जाएगा।

इसी तरह जिस वार्ड में मतदाताओं की संख्या ज्यादा होगी उसकी सीमा को छोटा किया जाएगा ताकि वहां के मतदाताओं की संख्या कम हो। फिर उस अलग किए हुए हिस्से को आजू-बाजू के उस वार्ड में शामिल किया जाएगा जहां मतदाताओं की संख्या कम है। मतदाताओं की संख्या 2011 की जनसंख्या और अभी हाल ही में हुए विधानसभा व लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची से मिलान करके निकाली गई है। इससे वार्डों में मतदाताओं की औसत संख्या एक करने में बड़ी मदद मिलेगी।

कई वार्ड ऐसे जहां लोग शिफ्ट नहीं होना चाहते
शहर के कई वार्डों के मतदाता ऐसे भी हैं जो दूसरे वार्ड में शिफ्ट नहीं होना चाहते हैं। ऐसे में जब दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी तो विवाद की स्थिति भी बन सकती है। लोगों का कहना है कि परिसीमन में वार्ड संख्या बदलने के साथ ही मतदान केंद्र और कई तरह की सुविधाएं भी बदल जाती हैं। इससे परेशानी होती है। निगम के अफसर भी कई योजनाओं के तहत उन्हें शामिल करने में आनाकानी करते हैं। पार्षदों का भी आरोप है कि राजनैतिक लाभ के लिए भी कई बार मतदाताओं की शिफ्टिंग कर दी जाती है। यह भी गलत है। उनकी मांग है कि इस बार के परिसीमन में इसका खासतौर पर ध्यान रखा जाए।

ईवीएम मशीनों की जांच भी शुरू कलेक्टर पहुंचे स्ट्रांग रूम
निगम के लिए मतदाता सूची बनाने का काम शुरू करने के साथ ही ईवीएम मशीनों की जांच भी शुरू कर दी गई है। 9 से 13 जुलाई तक फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) का काम किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार ​िंसह अफसरों के साथ जांच के लिए जिला कार्यालय स्थित स्ट्रांग रुम में पहुंचे। वहां अफसरों ने बताया कि मशीनों की जांच के लिए ईसीआईएल से 10 इंजीनियर नियुक्त किए गए हैं। अभी तक 605 बैलेट यूनिट, 526 कंट्रोल यूनिट, 526 वीवीपैट में 420 बीयू, 380 सीयू व 380 वीवीपैट की जांच का काम पूरा कर लिया गया है। जांच के दौरान कलेक्टर के साथ विश्वदीप और उमाशंकर बंदे भी मौजूद थे।

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