विधान सभा सत्र से पहले बनी नई समितियों में दो पूर्व स्पीकर भी शामिल

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रायपुर। विधानसभा की वर्ष 2024-25 के लिए गठित वित्तीय समितियों लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति तथा स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की संयुक्त बैठक गुरुवार को विधानसभा समिति कक्ष में हुई। स्पीकर डॉ. रमन सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे । डॉ. सिंह ने कहा कि इस वर्ष वित्तीय समितियों में दो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं शेष दो समितियों में से सीनियर सदस्य सभापति हैं। इनके अनुभवों एवं संसदीय ज्ञान का लाभ मिलेगा। संसदीय शासन प्रणाली में समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है । संसद एवं विधानमंडल के बहुत से कार्य लघु सदन के रूप में समितियों से किए जाते हैं। सभापतियों ने स्पीकर को आश्वस्त किया कि समितियों की बैठकें कर कंडिकाओं का शीघ्र निराकरण कर सदन में प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाएंगे।

ये भी जानें: विधानसभा में 21 समितियों के ये हैं कार्य

विधानसभा में 21 समितियां है। इनमें लोक लेखा समिति एवं प्राक्कलन समिति, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति एवं स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति सदन की वित्तीय समितियां हैं। वित्तीय कामकाज की संपूर्ण समीक्षा, नियंत्रण एवं सुझाव, अनुशंसा संबंधी कार्य इन समितियों के द्वारा किया जाता है। लोकलेखा समिति विधान सभा की महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है। इसका महत्वपूर्ण कार्य शासन पर वित्तीय नियंत्रण रखना है। लोकलेखा समिति का मुख्य कार्य यह देखना होता है कि विधानसभा द्वारा जो बजट पारित किया गया है, उसका खर्च उन्हीं योजनाओं एवं कार्यों में सही तरीके से किया गया या नहीं।

संविधान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रावधान किया गया है, जो संघ-राज्य क्षेत्र में शासन द्वारा किए जाने वाले व्यय में होने वाली खामियों के संबंध में अपना प्रतिवेदन सभा पटल पर प्रस्तुत करते हैं। प्राक्कलन समिति विभागों के प्राक्कलन पर विचार करती है। सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति विधानसभा की महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है। सरकारी उपक्रमों सबंधी समिति से विधायिका राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के कार्यकलापों पर निगरानी रखती है। स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति छत्तीसगढ़ विधान सभा की चतुर्थ वित्तीय समिति है।

समितियां सभा का लघु स्वरूप होती हैं : महंत
लोक लेखा समिति के सभापति डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि संसदीय समिति में वित्तीय समितियों की अहम भूमिका होती है। समितियां सभा का लघु स्वरूप होती हैं। यह समितियां अपने कार्यों से संसदीय प्रजातंत्र के मूल तत्व कार्यपालिका की विधायिका के प्रति जबाबदेही तय करेगी। प्राक्कलन समिति के सभापति अजय चन्द्राकर, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति के सभापति अमर अग्रवाल, स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति के सभापति धरमलाल कौशिक ने भी संबोधित किया।

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