जब हम ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो नज़र उनके बोर्ड पर ज़रूर चली जाती है. यहां रेलवे स्टेशन का नाम लिखा हुआ होता है हिंदी और अग्रेज़ी में. इसके साथ ही यहां पर PH भी लिखा होता है. आखिर इसका मतलब क्या होता है?
ट्रेन से यात्रा करना दिलचस्प भी होता है इसें यात्रा के दौरान खूबसूरत अनुभव भी मिलते हैं. यात्रा के बीच में खूबसूरत दृश्यों, तरह-तरह लोगों से मुलाकात और दोस्ती को लेकर तमाम कहानियां भी मिलती रहती हैं. इन सबके बीच रेलवे से जुड़ी कई अनोखी बातें भी हैं, इसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते. उनमें से एक है रेलवे स्टेशन के नाम की विचित्रता, जिसे लेकर सोचा आपने भी होगा, लेकिन शायद ही इसके दिलचस्प तथ्य जानते हों.
जब भी आप ट्रेन से यात्रा करते हैं तो रास्ते में कई स्टेशन पड़ते हैं. क्या आपने उनमें से किसी स्टेशन के नाम के पीछे PH लिखा देखा? कुछ रेलवे स्टेशनों के नाम के पहले PH लगाया जाता है, लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है? शायद आपने नोटिस नहीं किया होगा. चलिए आज आपको इन्हीं दो अक्षरों के बारे में बताते हैं.
ये है PH का मतलब …
स्टेशन के बोर्ड पर इनके नाम के साथ लिखे हुए PH का पूर्ण रूप से मतलब ‘पैसेंजर हॉल्ट’ है. इसका मतलब ये है कि यात्री ट्रेनें उस स्टेशन पर रुकेंगी. ये आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बहुत छोटे स्टेशन होते हैं. यहां केवल यात्री ट्रेनें रुकती हैं. इन स्टेशनों पर अन्य स्टेशनों जैसी सुविधाएं नहीं हैं. यहां रेलवे की ओर से कोई स्टेशन मास्टर या अन्य अधिकारी भी नियुक्त नहीं होता है. आप इन्हें क्लास डी स्टेशन कह सकते हैं. ट्रेन PH चिह्नित स्टेशनों पर केवल 2 मिनट के लिए रुकती है और आश्चर्य की बात ये है कि यहां ट्रेन को रोकने के लिए कोई सिग्नल नहीं होता न ही टिकट बांटने के लिए कोई कर्मचारी मौजूद रहेंगे.
फिर क्यों होते हैं ऐसे स्टेशन?
टिकट खरीदने के लिए तीसरे पक्ष के विक्रेताओं को नियुक्त किया जाता है. रेलवे प्रशासन यात्रियों को मामूली कमीशन देकर टिकट बेचता है. रेल मंत्रालय ऐसे विशेष सुविधाओं वाले मिनी रेलवे स्टेशनों का भी रखरखाव करता है क्योंकि ऐसे स्टेशन ग्रामीण लोगों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं. इन स्टेशनों से ज्यादा राजस्व नहीं मिलेगा लेकिन लोगों की भलाई को ध्यान में रखते हुए ऐसे रेलवे स्टेशनों को चालू रखा जाता है. जनता इन रेलवे स्टेशनों का उपयोग अपनी सुविधा के लिए करती है.