दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा ट्विन-सक्षम समाधानों के लिए व्यापक योजना विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया

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दिल्ली।  दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा संगम-डिजिटल ट्विन पहल के अंतर्गत नेटवर्किंग कार्यक्रमों की श्रृंखला सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है। अंतिम कार्यक्रम 10-11 जुलाई, 2024 को टी-हब, हैदराबाद में आयोजित किया गया। कार्यक्रम ने उन्नत डिजिटल समाधानों के माध्यम से बुनियादी ढाँचे की योजना में क्रांति लाने के उद्देश्य से आकर्षक और उत्पादक सत्रों की श्रृंखला का समापन किया।

चार प्रतिष्ठित संस्थानों-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई, पीपुल्स एजुकेशन सोसाइटी (पीईएस) विश्वविद्यालय बैंगलूरू और टी-हब हैदराबाद में आयोजित संगम नेटवर्किंग कार्यक्रमों में अग्रणी कंपनियों, शिक्षाविदों और सरकारी क्षेत्रों से 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इन कार्यक्रमों में डिजिटल ट्विन-सक्षम समाधानों के लिए व्यापक योजना विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो विभिन्न डेटा स्रोतों का लाभ उठाकर विभिन्न चुनौतियों का समाधान करते हैं।

   

 

 

प्रत्येक कार्यक्रम में प्रतिष्ठित वक्ताओं द्वारा व्यावहारिक मुख्य भाषण दिए गए। इस दौरान वक्ताओं ने वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान करने के लिए डेटा का उपयोग करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने दिल्ली में आयोजित पहले नेटवर्किंग कार्यक्रम में प्रतिभागियों को संबोधित किया। डॉ. नीरज मित्तल ने कहा, “हमारा लक्ष्य व्यवहारिक परियोजनाएं विकसित करना, वित्त पोषण सुरक्षित करना और उन्हें राष्ट्रीय स्तर के लिए बुनियादी ढांचा नियोजन उपकरण बनाने की व्यवहारिकता प्रदर्शित करने के लिए सरकार के सामने प्रस्तुत करना है।”

तेलंगाना सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग (आईटीईएंडसी) के विशेष मुख्य सचिव श्री जयेश रंजन ने हैदराबाद में आयोजित अंतिम कार्यक्रम में अपने संबोधन में डिजिटल जुड़वाँ बनाने के लिए उद्योग सहयोग के महत्व पर बल दिया।

दूरसंचार विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री नीरज वर्मा ने कहा, “इन पहलों ने प्रतिभागियों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को गति दी है, जिससे नए विचारों, ज्ञान और क्षमताओं को प्रोत्साहन मिला है। हमारा लक्ष्य व्यवहारिक परियोजनाएँ विकसित करना, सुरक्षित वित्तपोषण करना और राष्ट्रीय स्तर के बुनियादी ढाँचे की योजना बनाने के उपकरण बनाने की व्यवहारिक्ता को प्रदर्शित करना है।”

ब्रेकआउट सत्र

ब्रेकआउट विस्तारित सत्रों में इंटेलिजेंट ट्रैफ़िक मैनेजमेंट, बहुविध सार्वजनिक परिवहन अनुकूलन, व्यापक गतिशीलता योजना, परिवहन उत्सर्जन प्रबंधन, जल वितरण नेटवर्क, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य तथा पोषण और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाले आकांक्षी ब्लॉक जैसे प्रमुख कार्य क्षेत्र शामिल थे।

क्रॉस-सेक्टोरल सहयोग: प्रतिभागियों ने उन्नत प्रौद्योगिकियों के माध्यम से गोपनीयता संरक्षण सुनिश्चित करते हुए विभिन्न स्रोतों से डेटा को एकीकृत करने के लिए सहयोगी चर्चाओं में भाग लिया। गोपनीयता बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकियों (पीईटी), डेटा प्रदाता और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस गवर्नेंस फ्रेमवर्क, वर्चुअल वर्ल्ड क्रिएशन और इंटरैक्शन क्षमताएँ, और गणितीय मॉडलिंग और भौतिकी-आधारित सिमुलेशन जैसे क्षैतिज विषयों का भी पता लगाया गया।

अभिनव समाधान और भविष्य की रूपरेखा: इन कार्यक्रमों ने व्यवहारिक परियोजना योजना और कार्यान्वयन के लिए रणनीतिक रूपरेखा तैयार की। ये आउटपुट भविष्य के समाधानों के डिजाइन और वास्तुकला का मार्गदर्शन करेंगे, विभिन्न हितधारकों के लिए भूमिकाएं परिभाषित करेंगे, संभावित ग्राहकों की पहचान करेंगे और फंडिंग और शासन व्यवस्था स्थापित करेंगे।

सभी कार्यक्रमों में आकांक्षी प्रखंडों पर विशेष बल दिया गया। आकांक्षी प्रखंडों के लिए स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा और अन्य विषयों में प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) को बढ़ाने के लिए समाधान खोजने और मॉडल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

अन्य प्रमुख परिणाम और ध्यान देने वाले क्षेत्र

  1. परिवहन: कुशल यातायात प्रबंधन, बहु-मॉडल सार्वजनिक परिवहन अनुकूलन और व्यापक गतिशीलता योजना पर ध्यान केंद्रित करते हुए डिजिटल जुड़वां पहल के माध्यम से शहरों में यातायात की भीड़ को कम करने के समाधान।
  2. पर्यावरण गुणवत्ता और उसके प्रभाव का आकलन: यातायात द्वारा कार्बन उत्सर्जन प्रबंधन और जल वितरण नेटवर्क के अनुकूलन के लिए पहल।
  3. स्वास्थ्य सेवा: विभिन्न स्वास्थ्य डिजिटल जुड़वां पहल को व्यवस्थित करने के लिए संगम स्वास्थय जुड़वां प्लेटफॉर्म का विकास, जिसमें शामिल हैं:

– विशिष्ट अंगों के मॉडलिंग के लिए पृथक स्वास्थ्य डिजिटल जुड़वाँ पहल।

– स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए प्रशिक्षण जुड़वाँ पहल।

– बुनियादी ढांचे और पूर्वानुमानित रखरखाव के लिए चिकित्सा उपकरण जुड़वाँ पहल।

– संचारी रोगों के प्रबंधन के लिए सामुदायिक जुड़वाँ पहल।

 

  1. आपदा प्रबंधन: उन्नत डिजिटल सिमुलेशन और डेटा एकीकरण के माध्यम से व्यापक उद्धार योजना।

श्री नीरज वर्मा ने हैदराबाद में अंतिम कार्यक्रम में, परिणाम दस्तावेज़ जारी किया। सभी चार नेटवर्किंग कार्यक्रमों में विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा विकसित यह दस्तावेज़ पहल के चरण 2 के लिए भविष्य के मार्ग पर केंद्रित है। यह प्रासंगिक हितधारकों की टिप्पणियों के लिए खुला है।

भविष्य का रास्ता:

संगम पहल इन नेटवर्किंग आयोजनों से उत्पन्न गति पर निर्माण जारी रखेगी। आगे बढ़ते हुए, विकसित योजना और रूपरेखा को लागू करने, आवश्यक वित्तपोषण हासिल करने और सफल परियोजना निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए शासन व्यवस्था स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। राष्ट्रीय अवसंरचना नियोजन में अत्याधुनिक तकनीकों और डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि को एकीकृत करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को तेज किया जाएगा, जिसका अंतिम लक्ष्य आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने वाले टिकाऊ और कुशल समाधान तैयार करना है।

दूरसंचार विभाग सभी प्रतिभागियों और कंपनियों को उनकी सक्रिय भागीदारी और योगदान के लिए अपना आभार व्यक्त करता है, जिसने डिजिटल समाधानों में परिवर्तनकारी प्रगति के लिए मंच तैयार किया है।

 

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