चेन्नई स्थित मनोचिकित्सक सुभा चार्ल्स जवाब देती हैं बार-बार भूलने की बीमारी होने के कई कारण होते हैं। बीपी और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं के लिए आप जो दवाएं और गोलियां लेते हैं, वे भी मेमोरी लॉस का कारण बन सकती हैं। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए ली जाने वाली दवाएँ भी इसका कारण बन सकती हैं। इसका मतलब यह है कि मस्तिष्क से संबंधित दवाएं अचानक स्मृति हानि का कारण बन सकती हैं।
यानी ऐसे भी लोग होते हैं जो 80 या 90 साल तक जीवित रहते हैं और उनकी याददाश्त बिल्कुल भी कम नहीं होती है। मस्तिष्क के बेहतर प्रदर्शन और स्मृति हानि के लिए कुछ खाद्य पदार्थ जिन्हें ब्रेन फ़ूड कहा जाता है, आवश्यक हैं। वैसे तो विटामिन डी याददाश्त के लिए बहुत जरूरी है। यह हमारी त्वचा के माध्यम से सूर्य के प्रकाश से शरीर को उपलब्ध होता है। हालाँकि, आज बहुत से लोगों में विटामिन डी की कमी है क्योंकि उनमें से अधिकांश सूरज की रोशनी के बिना घर के अंदर रहने के आदी हैं।
डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी सप्लीमेंट लेने से इस समस्या से राहत मिल सकती है। इसे एक विशिष्ट खुराक और विशिष्ट दिनों में लेने की आवश्यकता होती है।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से याददाश्त भी कमजोर हो सकती है। इसके लिए रिफाइंड चावल, अनाज, दालें, चीनी, तेल आदि के इस्तेमाल से बचना जरूरी है। मस्तिष्क के कामकाज के लिए आयरन और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्व आवश्यक हैं।
जो लोग इन्हें भोजन के माध्यम से प्राप्त नहीं कर सकते, उनके लिए चिकित्सीय सलाह से पूरक लिया जा सकता है। अपने दिमाग को आराम देने की आदत डालें। व्यायाम करने की आदत बनायें। अपनी समग्र जीवनशैली को बदलने से आपकी याददाश्त में भी सुधार हो सकता है।