भाजपा पार्षदों पर प्रस्तावित बर्खास्तगी की कार्रवाई निरस्त : दुर्ग संभागायुक्त ने सुनाया फैसला, कहा- प्रकरण बिना किसी गुण दोष के खारिज…!!

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भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष सहित 9 भाजपा पार्षदों के खिलाफ एक साल से लटकी बर्खास्तगी की कार्रवाई में दुर्ग संभागायुक्त की कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। संभागायुक्त ने तत्कालीन निगम आयुक्त रोहित व्यास की कार्रवाई की संस्तुति को निरस्त करते हुए पूरे प्रकरण को खारिज कर नस्तीबद्ध करने का आदेश दिया है।

भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने इस बारे में बताया कि 31 मार्च 2023 को नगर निगम में बजट बैठक से एक रात पहले दो लोगों ने कार में रखकर मिक्सर फूड प्रोसेसर सभी पार्षदों के घर पहुंचाया था।

इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि वो बजट बैठक में सेक्टर 7 के निर्माणाधीन बैडमिंटन कोर्ट ढहने के मामले को न उठाएं। इस मामले में निगम के महापौर और कांग्रेस पार्षदों ने सीधे सीधे सहायक अभियंता और ठेकेदार को बचाने का प्रयास किया था।

अगले दिन बजट सत्र के दौरान भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा और उनके सहयोगी पार्षद को गिफ्ट में दिया गया मिक्सर फूड प्रोसेसर अपने साथ लेकर सदन में पहुंचे और उसे अपने सर पर रखकर बताया कि निगम सरकार किस तरह से भ्रष्टाचार करने पर उतारु है। उन्होंने उनके दिए गिफ्ट को सदन में लौटाते हुए इस पर हल्ला बोल दिया।

इस मामले को महापौर ने आड़े हाथों लिया और इसे सदन की गरिमा का हनन बताया। इसके बाद सभापति बंटी गिरवर साहू ने भाजपा के सभी 9 पार्षदों के खिलाफ निगम 1956 की धारा 19 तहत बर्खास्तगी की कार्रवाई के निर्देश दिए।

सभापति सी अनुशंसा के बाद निगम आयुक्त रोहित व्यास ने 3 अप्रैल 2023 को संभागायुक्त दुर्ग को पत्र लिखा और भाजपा पार्षद भोजराज सिन्हा, विनोद सिंह, पीयूष मिश्रा, स्मिता दोड़के, वीणा चंद्राकर, सत्यवती जायसवाल गिरजा बंछोर, महेश वर्मा और संतोष मौर्या के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा था।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- ये झूठ के खिलाफ सच की जीत

नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से निगम के महापौर नीरज पाल और सभापति बंटी गिरवर साहू ने भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए प्रलोभन का विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गलत थी। आज भ्रष्टाचारियों और झूठ का साथ देने वालों के खिलाफ सच की जीत हुई है। सभी पार्षदों के खिलाफ लगे आरोप दोषमुक्त हुए हैं।

बैडमिंटन कोर्ट ढहने के मामले में मुख्य दोषी को दिया प्रमोशन

भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा ने कहा कि निर्माणाधीन बैडमिंटन कोर्ट के ढहने के मामले में पूरी तरह से लीपापोती की गई। इस मामले में भवन के कार्य की टेस्ट रिपोर्ट में जिस सहायक अभियंता वसीम खान के हस्ताक्षर हैं, उसे सस्पेंड न करते हुए निगम का सचिव बना दिया गया।

वहीं उनके अंडर में कार्य करने वाली महिला सब इंजीनियर को सस्पेंड करके कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई। ठेकेदार को भी ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया। जब भाजपा पार्षदों ने उस मुद्दे को उठाना चाहा तो उन्हें पद से हटाने का षड्यंत्र रचा गया। आज उन सभी को दोषमुक्त किया गया है, जो बड़ी जीत है।

अब तक नहीं हुई बैडमिंटन कोर्ट ढहने के मामले में कार्रवाई

नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि एक साल पहले जिस बैडमिंटन कोर्ट के ढहने के मामले में यह सब हुआ था, उसकी जांच रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई। ना तो भ्रष्टाचार कर घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कोई कार्रवाई हुई और ना इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार आधिकारी पर कार्रवाई की गई है।

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