छत्तीसगढ़ में जीजा-साले ने की 1 करोड़ की ठगी : सराफा कारोबारियों से लिए 1 किलो 652 ग्राम सोना, आभूषण बनाने का करते हैं काम…!!

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छत्तीसगढ़ में आभूषण कारीगर जीजा-साले ने मिलकर सराफा कारोबारियों से 1 करोड़ 11 लाख की ठगी की है। दुर्ग के 3 सराफा कारोबारियों ने पुलगांव थाने में मनीष सोनी और धीरज सोनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। करीब 6 महीने बाद कोंडागांव पुलिस ने जीजा मनीष सोनी की गिरफ्तारी की और दुर्ग पुलिस को सौंपा।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग में सदर बाजार निवासी शाहजहां अली मलिक (53 वर्ष), प्रामित धारा (31 वर्ष) और विजय सोनी सराफा व्यवसायी हैं। इन्हीं कारोबारियों को जीजा-साले ने मिलकर चूना लगाया है।

दरअसल, मनीष सोनी और धीरज सोनी रिश्ते में जीजा साला हैं और सोनारों से सोना लेकर उसके बदले डिजाइनर आभूषण तैयार करने का काम करते हैं। ये दोनों ऋषभ ग्रीन सिटी पुलगांव में रहते हैं और तीनो सराफा व्यवसायियों से शुद्ध सोना लेकर उसके बदले गहने तैयार करके देने का व्यवसाय करते आ रहे थे।

1 किलो 652 ग्राम सोना लेकर हड़पा

8 महीने पहले दोनों ठगों ने तीनों कारोबारियों से 1 किलो 652 ग्राम सोना लिया था। उन्हें वादा किया था कि उसके बदले में नई डिजाइन के गहने बनाकर देंगे। नवंबर से दिसंबर 2023 के बीच मनीष और धीरज ने सराफा व्यवसायी शाहजहां अली मलिक से 800 ग्राम 943 मिलीग्राम सोना लिया था, जिसकी मार्केट वैल्यू 50 लाख रुपए है।

इसी तरह विजय सोनी से 537 ग्राम 340 मिलीग्राम और प्रामित धारा से 313 ग्राम 920 मिली ग्राम सोना लिया था। इस तरह तीनों व्यवसायियों से दोनों आरोपियों ने 1 करोड़ 11 लाख रुपए कीमत का सोना लिया और उसे हड़प लिया।

6 माह से दोनों आरोपी थे फरार

ठगी का शिकार हुए सराफा व्यापारियों ने बताया कि जब सोना लेकर दोनों आरोपियों ने आभूषण नहीं दिए तो वो लोग मनीष सोनी के पुलगांव स्थित घर गए। वहां उनके बीच काफी विवाद हुआ। इसके बाद उन लोगों ने मनीष से कहा कि या तो वो उनके सोने के बदले गहने दे नहीं तो उनकी जो भी कीमत होती है वो नगद राशि के रूप में दे।

अगर वो नहीं देगा तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। इसके बाद मनीष घर में ताला लगाकर परिवार के साथ फरार हो गया था। 6 महीने से दोनों आरोपी फरार चल रहे थे।

कोंडागांव में रिश्तेदार के यहां छिपे थे दोनों आरोपी

ठगी का मामला दर्ज होने के बाद मनीष सोनी ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी। उसे हाईकोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था। उसके बाद से दोनों आरोपी इधर उधर अलग-अलग जगहों में छिप छिपकर रह रहे थे।

करीब 6 महीने की फरारी के बाद 23 जुलाई को कोंडागांव पुलिस को सूचना मिली की मनीष सोनी कोंडागांव में अपने रिश्तेदार के यहां छिपा हुआ है। इसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ा और दुर्ग पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं उसका साला धीरज सोनी फरार है।

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