छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में बाढ़ में फंसे 4 बच्चों समेत 12 लोगों का SDRF की टीम ने रेस्क्यू किया। चंगोरी गांव में ईंट भट्ठे में काम करने वाला यह परिवार सोमवार से फंसा हुआ था। परिवार ने टापू पर एक रात गुजारी। सुबह सरपंच को फोन पर जानकारी दी गई, जिसके बाद मंगलवार की रात में सभी का रेस्क्यू किया गया। जिला सेनानी अग्निशमन अधिकारी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उनके पास डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव का फोन आया था। उन्होंने बताया कि थाना अंजोरा के गांव चंगोरी में कुछ लोग फंसे हैं। सभी नदी किनारे स्थित ईंट भट्ठे में काम करने गए थे और वहीं फंस गए। सूचना मिलते ही नागेंद्र सिंह और ईश्वर खरे ने पूरी टीम के साथ परिवार को बचाया ।
एक तरफ नाला, एक तरफ नदी, बीच में फंसे लोग
नागेंद्र सिंह ने बताया कि जिस जगह पर ईंट भट्ठा है, वहां एक तरफ शिवनाथ नदी और दूसरी तरफ नाला है। दोनों में बारिश की वजह जलस्तर बढ़ा और जहां वे काम कर रहे थे, वह जगह बाढ़ के पानी से घिर गई थी। रेस्क्यू टीम अपनी बोट लेकर पानी में उतरी और उस जगह पर पहुंची। जहां 4 बच्चे, 4 महिला और 4 पुरुष मिलाकर 12 लोग फंसे थे।
3 घंटे तक चला रेस्क्यू का कार्य, खैरागढ़ से आई थी टीम
SDRF प्रभारी सहित कुल 13 लोगों की रेस्क्यू टीम मंगलवार शाम 6 बजे पहुंच गई थी। इसके बाद 3 घंटे लगातार रेस्क्यू काम चला। SDRF टीम ने सभी का सामान लिया। रात 9 बजे तक सभी को सुरक्षित निकाल लिया। दो बार में 12 लोगों को बचाकर चंगोरी गांव तक पहुंचाया। सरपंच ने सभी को स्कूल में ठहरने की जगह दी। ईंट-भट्ठा में काम करने वाले मजदूर खैरागढ़ से आए थे।
एक रात डर के बीच टापू में गुजारा
मजदूरों ने बताया कि वे लोग सोमवार से बाढ़ के पानी में फंसे थे। चारों तरफ पानी होने से वो लोग ऊंचाई वाली जगह तक पहुंच गए थे। डर के साए में किसी तरह सभी ने टापू में रात गुजारी। इसके बाद उन्होंने मंगलवार को पूरा दिन पानी कम होने का इंतजार किया।
लगातार बारिश होने के चलते पानी बढ़ता ही गया, जिसके बाद शाम को गांव के सरपंच को फोन कर मदद की गुहार लगाई गई। सरपंच ने एसडीएम को बताया और उसके बाद SDRF की टीम को मदद के लिए बुलाया था।
कई गांव आए बाढ़ की चपेट में
दो दिनों से लगातार बारिश होने के चलते शिवनाथ नदी ही नहीं आसपास के सभी नाले भी उफान पर हैं। इससे कई गांव का दूसरे गांव से संपर्क टूट गया है। नदी में करीब 40 फीट तक पानी ऊपर से बहने के चलते चंगोरी, थनौद जैसे कई गांव डुबान क्षेत्र में आ गए हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट घोषित किया है।
24 घंटे कंट्रोल रूम में उनकी टीम ड्यूटी पर तैनात है। इसके लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस टीम) के 30 और डीडीआरएफ (डिस्ट्रिक डिजास्टर रिस्पांस टीम) के 30 लोग ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं।