पांच पाकिस्तानियों को मौत के घाट उतारने के बाद वीरगति को प्राप्त हुए थे कौशल

Spread the love

भिलाई। 26 जुलाई 1999 को भारत सरकार ने कारगिल विजय दिवस मनाने का निर्णय लिया था। दरअसल तब तक कारगिल के द्रास सेक्टर की ऊंची चोटियों से गोली बरसा रहे ज्यादातर पाकिस्तानियों का सफाया हो गया था। कुछ टाप बच गए थे। इसमें से एक था जुलू टॉप। 25 जुलाई को जुलू टॉप को आजाद कराने की जिम्मेदारी इंडियन आर्मी के 9 पैरा यूनिट के सेना नायक कौशल यादव को सौंपी गई। कौशल यादव के दल ने 130 पाकिस्तानियों को न केवल खदेड़ा, बल्कि कौशल यादव ने पांच पाकिस्तानियों को अकेले मार गिराया। जुलू टॉप पर तिरंगा लहराने के बाद वे वीरगति को प्राप्त हो गए।

बलिदानी कौशल यादव का परिवार मूलत: उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उनके पिता रामनाथ यादव बीएसपी कर्मी थे। लिहाजा पूरा परिवार हुडको में रहता था। माता धनवंता देवी के संस्कार और पिता रामनाथ व भाई राम बचन यादव के अनुशासन ने कौशल को एक अलग ही ढांचे में डाल दिया।
फौजी सीरियल देखा करते थे कौशल

उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा भिलाई के बीएसपी स्कूल की। पढ़ाई के दौरान ही सेना में जाने का जुनून सिर चढ़कर बोलने लगा था। वह सेना के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ा करते थे। भाई राम बचन बताते हैं कि दूरदर्शन पर आने वाला फौजी सीरियल वह खूब देखा करते थे।

परिजनों के मुताबिक 1989 में बीएससी प्रथम वर्ष में रहते उनका चयन इंडियन आर्मी के 9 पैरा यूनिट उधमपुर में हुआ। 10 साल तक वे उधमपुर में रहे। कमांडो ट्रेनिंग ली। इन 10 सालों के दौरान वे जब भी भिलाई आते अपने सभी दोस्तों तथा परिवारिक रिश्तेदारों से मिलते थे। कौशल यादव हंसमुख स्वभाव के थे।

कारगिल युद्ध से पहले भिलाई में छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे कौशल

कारगिल युद्ध के कुछ दिन पहले ही वे भिलाई में छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे। 1999 में कारगिल में भयंकर युद्ध छिड़ गया था। पाकिस्तानी सेना ने कारगिल की कई ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। 15 डिग्री माइनस डिग्री तापमान में भीरतीय सेना ने युद्ध लड़ा और पाकिस्तानी सेना को मार भगाया। कुछ टाप बच गए थे।

उनमें से एक था जुलू टॉप। जिसे मुक्त कराने की जिम्मेदारी सेना नायक कौशल यादव को सौंपी गई। उनकी बटालियन ने 130 पाकिस्तानी सैनिकों को मार भगाया। कौशल यादव ने अकेले पांच पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारा। इसी दौरान उनके सीने पर कई गोली लगी। फिर भी उन्होंने जुलू टाप पर तिरंगा लहाराया और वीरगति को प्राप्त हो गया।

बलिदानी कौशल यादव को भारत सरकार ने मरणोपरांत वीरचक्र से सम्मानित किया। हुडको (आमदी नगर) के जिस वार्ड में उनका परिवार रहता है, उस परिवार का नाम भिलाई नगर निगम ने बलिदानी कौशल यादव वार्ड रखा। उनकी याद में हुड़को में भव्य गेट तथा स्मारक बनाया गया है। उनकी स्मारक पर हर साल 25 श्रद्धांजलि अर्पित करने लोगों की भीड़ उमड़ती है। छत्तीसगढ़ सरकार के बलिदानी कौशल यादव के नाम पर खेल पुरस्कार भी शुरू किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *