केंद्रीय श्रम, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया शनिवार को राजधानी में थे। उन्होंने भाजपा के प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में केंद्रीय बजट की खूबियां गिनाईं। मांडविया ने कहा कि बजट में छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। राज्य की ओर से जब जैसी मांगें आएंगी केंद्रीय विभाग उसे पूरा करेंगे। चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी, मंत्री रामविचार नेताम व टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव भी उपस्थित थे।
मांडविया ने इस दौरान कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भारत को 21 वीं सदी में ले जाने की बात कही थी। इसके लिए उन्होंने कोई रोड-मैप तैयार नहीं किया था। यह केवल नारा महज था। इस वजह ये केवल नारा ही रह गया। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने की योजना के साथ ही उसके स्तंभ भी बताए हैं। यही वजह है कि गरीब, अन्नदाता, महिला, युवा आदि के लिए विकास की योजनाएं बनाई जा रही हैं। किसानों के लिए नौ प्राथमिकताएं तय की गई हैं। इसके लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है।
युवाओं के कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का इंसेंटिव मिलेगा। रिसर्च इनोवेशन के लिए 1 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इससे हर साल 1 करोड़ युवा इंटर्नशिप करेंगे। इस तरह चार सालों में 4 करोड़ ट्रेंड युवा तैयार होंगे। मांडविया ने कहा कि देश में राज्य सरकारें आईटीआई चला रही हैं। केंद्र सरकार स्किल आईटीआई को हब बनाएगी। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 1 करोड़ युवाओं का स्किल डेवलप किया जाएगा।
4 करोड़ युवाओं को पांच सालों में रोजगार देंगे। मैन्युफैक्चरिंग सेंटरों के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। ई-कॉमर्स प्लेटफार्म विकसित किए जाएंगे। इनसे सूक्ष्म उद्योगों को फायदा मिलेगा। रोजगार के साथ मानव संसाधन की व्यवस्था की जाएगी। सामाजिक विकास को भी महत्व मिलेगा। इस दौरान विधायक पुरंदर मिश्रा, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज आदि भी मौजूद रहे।
पदक के पहले आर्थिक मदद –
खिलाड़ियों द्वारा पदक जीतने के बाद ही खेल विभाग या मंत्रालय मदद करते हैं। इसके पहले उनके आवेदनों पर विचार करने कोई नीति है? इस पर मांडविया ने कहा कि खेलों में चयन या तैयारी के लिए सरकार आर्थिक मदद देती है। जरूरी नहीं है कि पदक जीतने के बाद ही खिलाड़ियों को मदद की जाए। सरकार पहले भी इस संबंध में सहयोग करती रही है। खेलो इंडिया में भी खिलाड़ियों के लिए कई तरह के प्रावधान हैं। खिलाड़ी देश का नाम रोशन करें यह सर्वोपरि है।
बजट संवाद : डिजिटल भुगतान प्रणाली से और आसान होंगी वित्तीय सेवाएं
केंद्र सरकार का आम बजट जनहितकारी है। इसमें डिजिटल वित्तीय सेवाओं को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन के लिए नई योजनाएं हैं। इसमें डिजिटल भुगतान प्रणाली मजबूत होगी। गरीबों के लिए वित्तीय सेवाओं की पहुंच आसान होगी। बजट में वित्तीय प्रबंधन को सुधारने और टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के उपाय हैं। इसमें टैक्स में छूट और कर नियमों में सुधार से करदाताओं को राहत मिलेगी।
व्यवस्था अधिक पारदर्शी होगी। इन सभी सुधारों से सरकार की आर्थिक विकास की दिशा और प्राथमिकता स्पष्ट होती है। यह बात केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने एक होटल में बजट संवाद में मुख्य वक्ता के रूप में कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने में जरूर सफल होंगे। देश के किसान, युवा, गरीब और महिला आदि के विकास से ही देश विश्व पटल पर अग्रणी होकर उभरेगा।
बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, और ग्रामीण विकास में बड़े निवेश की बात है। बजट में छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए प्रोत्साहन, टैक्स में राहत, और समाज के कमजोर वर्गों के लिए विशेष योजनाएं हैं। यह बजट सरकार की समग्र विकास की दिशा और आर्थिक सुधारों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर कृषिमंत्री रामविचार नेताम, खाद्यमंत्री दयालदास बघेल, खेलमंत्री टंकराम वर्मा, रायपुर बृजमोहन अग्रवाल, विधायक खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू, किरण सिंह देव, इंद्र कुमार साहू, सुशांत शुक्ला तथा व्यापरिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
ईएसआई अस्पतालों की कमी होगी दूर
केंद्रीय रोजगार, खेल और श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में न्यू सर्किट हाउस में श्रम विभाग की समीक्षा में श्रम मंत्री लखन देवांगन ने उन्हें कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अस्पतालों में डॉक्टरों, विशेषज्ञ डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ की कमी से अवगत कराया। केंद्रीय मंत्री ने ईएसआईसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कमियां दूर की जाएं। उन्होंने लारा, खरसिया में ईएसआईसी के औषधालय की सहमति भी दी।
बैठक में ईएसआईसी में ईपीएफओ में पंजीकृत श्रमिक को संख्या की भी समीक्षा हुई।
केन्द्रीय श्रम मंत्री ने ईपीएफओ के अधिकारियो पर नाराजगी भी जाहिर की। जल्द से जल्द समीक्षा कर श्रमिकों को पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए। देवांगन ने बताया कि ईएसआईसी द्वारा रायपुर, भिलाई, कोरबा और रायगढ़ में 100–100 बेड के अस्पताल हैं। कोरबा, भिलाई और रायगढ़ में अब तक आईओपीडी की सुविधा शुरु नही हुई है। दोनों जिलों में 40 हजार से 50 हज़ार श्रमिक परिवार पंजीकृत हैं। अस्पतालों में डॉक्टर और स्टाफ नहीं होने से श्रमिक परिवारों को रेफर करना पड़ता है।