रायपुर सेंट्रल जेल में हनुमान चालीसा और सुंदर कांड पाठ:60 कैदियों की बनाई गई रामायण मंडली, गीता श्लोक की दी जा रही ट्रेनिंग…!!

Spread the love

रायपुर सेन्ट्रल जेल के कैदी अब हर मंगलवार को हनुमान चालीसा और शनिवार को सुंदर कांड का पाठ करेंगे। यह निर्णय जेल प्रशासन ने कैदियों और बंदियों के मनोदशा में सुधार लाने और उनके मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए लिया है। इसके लिए जेल में लगभग 60 बंदियों की रामायण मंडली बनाई गई है। रामायण मंडली में अलग-अलग बैरकों में हर त्योहारों के माैके पर रामायण पाठ और हर मंगलवार को हनुमान चालीसा किया जाएगा। इसके लिए कैदियों और बंदियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

कैदियों का क्या कहना है

रामायण मंडली में मुख्य गायक और आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी बोधन ने बताया कि जब भी वह पेरोल पर घर जाता है तो अपने गांव के रामायण मंडली में शामिल होता है। यह देखकर उसके गांव बाले भी आश्चर्यचकित हो जाते हैं। कहते हैं कि जेल अब जेल न रहकर सुधार गृह में परिवर्तित हो गया है।

गांव वाले भी उससे बोलते हैं कि इतना अच्छा रामायण जेल में रहकर सीख लिए हो यह तो अद्‌भुत है। रायगढ़ जिले के दियागढ़ गांव में बंदी ने रामायण मंडली का गठन किया है।

सीखे गीता के श्लोकों का पाठ

आजीवन कारावास की सजा काट रहे चक्रधर ने बताया कि कि अध्यात्म ही उसके जीवन का आधार बन गया है । रोजाना गीता के श्लोकों का पाठ और उसके अर्थ की चर्चा वह प्रतिदिन शाम 7.30 से 8.30 बजे तक बैरक में अपने साथी बंदियों के साथ करता है।

चक्रधर ने बताया कि कि यह उसके दिनचर्या में शामिल हो गया है। बंदी ने बताया कि वह रोजाना अपने साथी बंदी दोणाचार्य, धरम, वासुदेत्र के साथ पाठ कर आनंदित रहते हैं। अपनी सजा अच्छे से काट रहे हैं।

म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट के साथ होता है पाठ
रायपुर जेल प्रशासन ने मंडली को हारमोनियम, केसियो, तबला ढोलक, मंजीरा और माइक सिस्टम दिया है। इस प्रकार के प्रयास से बंदी जेल में अध्यात्म से जुड़ रहे हैं। अवसाद मुक्त हो रहे हैं। उनके व्यवहार में भी बदलाव हो रहा है।

इसके साथ ही रोजाना गीता परिवार के माध्यम से बंदियों को 1 घंटे गीता का ज्ञान और शुद्ध उच्चारण का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। फिलहाल 21 कैदी गीता सीखे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *