भिलाई के जयंती स्टेडियम में इन दिनो पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। यहां एक पुलिस अधिकारी द्वारा महिला भक्तों से अभद्रता और धक्का देने का मामला सामने आया है। महिला पुलिस होने के बाद संतोष धीरही नाम का पुलिस अधिकारी महिला के पीठ और सिर को पकड़कर धक्का देता दिख रहा है। जब महिलाओं और उनके परिजनो ने इसका विरोध किया तो उसने सुरक्षा ड्यूटी का हवाला देकर उन्हें वहां से भगा दिया गया।
मंगलवार को पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का अंतिम दूसरा दिन है। इसके चलते 30 जुलाई को कथा स्थल में काफी अधिक भीड़ पहुंच गई थी। वीआईपी और वीवीआईपी पास धारकों के लिए गेट नंबर एक नंदी द्वार से प्रवेश दिलाया जा रहा था। भीड़ अधिक होने से पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के निर्देश पर गेट को बेरीकेट्स से बंद कर दिया गया और भक्तों को लाइन से आने के लिए कहा जा रहा था।
इस दौरान यहां किसी तरह की अव्यवस्था ना हो इसके लिए बड़ी संख्या महिला पुलिस बल और सामान्य पुलिस बल के साथ सीएएफ के जवान और अधिकारियों को लगाया गया था। सुरक्षा को कंट्रोल करने के लिए यहां सीएसपी रैंक के कई अधिकारियों को तैनात किया गया था। इनमें से एक अधिकारी संतोष धीरही भीड़ के बीच में महिलाओं का हाथ पकड़कर उनका सिर पकड़कर और पीठ में हांथ से धक्का दे रहे थे। पुलिस अधिकारी की इस कार्यशैली का महिला भक्तों ने विरोध किया। इस पर अधिकारी ने भीड़ अधिक होने पर व्यवस्था बनाने के लिए ऐसा करने का हवाला दिया।
इस पूरे घटनाक्रम को कैमरे में कैद किया गया। सीएसपी संतोष धरही से जब बोला गया कि महिला भक्तों को हटाने के लिए महिला पुलिस बल है। आप पुरुष भक्तों को रोको तो उसने कहा कि ये मेरी ड्यूटी है मुझे पता है कैसे करना है। इतना ही नहीं उसने इस दौरान कई महिलाओं और उनके परिजनों से गलत तरीके से बात की और उन्हें वहां से भगा दिया।
क्षमता से अधिक मात्रा में पास बाटने के चलते हुई अव्यवस्था
दरअसल कथा स्थल में चार कटेगरी में बैठने की व्यवस्था की गई है। इसमें आयोजक और उसके करीबियों का परिवार व्यासपीट मंच के ठीक नीचे। इसके बाद वीवीआईपी पास धारकों के लिए कुर्सी और जमीन पर बैठने के व्यवस्था। उसके पीछे वीआईपी पास धारकों के बैठने की व्यवस्था फिर सामान्य लोगों के लिए जगह दी गई है। आयोजक ने झमता से अधिक वीवीआईपी और वीआईपी पास बांट दिये। इससे वहां लोगों की भीड़ अधिक हो गई।
बाउंसरों ने भी की भक्तों से धक्का मुक्की
आयोजन के दौरान आयोजक दया सिंह ने सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में महिला और पुरुष बाउंसरों को लगाया है। इनके द्वारा भी कथा सुनने पहुंचने वाले भक्तों से धक्का मुक्की गई और विरोध करने पर झगड़ा भी किया गया। इसके बाद भी शिव भक्त किसी तरह पंडाल तक पहुंचे और कथा सुनने के लिए पंडाल के नीचे बैठे।