प्रदेश में हुए कथित आबकारी घोटाले के मामले में ईडी का आवेदन मंजूर करते हुए रायपुर के ट्रायल कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। दोनों फिलहाल यूपी में दर्ज मामले में कस्टडी में है। जबकि रायपुर में दर्ज मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की बेंच ने अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर की याचिका सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए ईडी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
प्रदेश में आबकारी घोटाले के मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत की थी, इसके मुताबिक अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। वर्ष 2017 में बनी आबकारी नीति को बदलकर सीएसएमसीएल के जरिए शराब बेचने का काम शुरू किया गया था।
वर्ष 2019 में अनवर ढेबर ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए अरुणपति त्रिपाठी को सीएसएमसीएल का एमडी नियुक्त कराया, इसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। इस मामले में ईडी ने रायपुर में ईसीआईआर दर्ज की थी। वहीं, नकली होलोग्राम के मामले में उत्तर प्रदेश के नोयडा में प्रकरण दर्ज किया गया था। अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर इस मामले में फिलहाल कस्टडी में हैं।
बताया- हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा है फैसला
दोनों ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर बताया कि रायपुर में दर्ज ईसीआईआर के खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। डिवीजन बेंच ने इस पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है, ऐसे में इस मामले में प्रोडक्शन वारंट करना गलत है।
दोनों को आज कोर्ट में पेश किया जाना है
इधर, ईडी ने रायपुर में दर्ज ईसीआईआर में कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने 19 जुलाई को इस आवेदन पर सुनवाई करते हुए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। इस आदेश के अनुसार दोनों को 1 अगस्त को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाना है।