महिला आयोग की सुनवाई…5 लाख में होगा समझौते से तलाक : बिलासपुर में पीड़िता को मिले 2 लाख, बुजुर्ग महिला को पति देगा ढाई लाख….!!

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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में जल संसाधन विभाग के प्रार्थना भवन में 263वीं और जिला स्तर पर 16वीं सुनवाई हुई। आयोग की सुनवाई में 37 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस दौरान बिलासपुर में आपसी समझौते से हुए तलाक के एक प्रकरण में महिला को 5 लाख रुपए देने पर सहमति बनी और महिला को दो लाख रुपए का भुगतान डीडी से तुरंत किया गया।

मोबाइल पर अश्लील मैसेज भेजने वाले के खिलाफ रिपोर्ट

महिला आयोग की सुनवाई के दौरान एक आवेदिका ने अपने मोबाइल पर एक अश्लील मैसेज आने की जानकारी दी और उसे अध्यक्ष को दिखाया। इस पर अध्यक्ष ने आवेदिका को इस आर्डरशीट की कॉपी के आधार पर अश्लील मैसेज भेजने वाले कथित मोबाइल नम्बर के खिलाफ साइबर क्राइम में तत्काल शिकायत दर्ज कराने के आदेश दिए।

पहली पत्नी से तलाक बिना दूसरा ब्याह.. ढाई लाख देने होंगे

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका और उसके पति अनावेदक के बीच ढाई लाख रुपए जीवन निर्वाह भत्ता देने का इकरारनामा 19 मार्च 2023 को करने के बावजूद राशि नहीं दी गई। इस मामले में आयोग ने अनावेदक पति को आवेदिका को 30 सितंबर 2024 को रायपुर महिला आयोग के कार्यालय में उपस्थित होकर 1 लाख रुपए और उसके बाद एक माह बाद शेष डेढ़ लाख रुपए का भुगतान करने के आदेश दिए। अन्यथा उसका पेंशन रुकवाने की कार्रवाई की जाएगी।

प्रकरण इस प्रकार है कि रेलवे पोर्टर अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना 7 साल पूर्व दूसरी शादी कर लिया। जून 2023 में सेवा से रिटायर होने पर उसे 7 लाख रुपए मिले, उसने आवेदिका को ढाई लाख रुपए देने का झांसा देकर उसके कब्जे से रेलवे का मकान भी खाली करवा लिया, पर रुपए नहीं दिए।

आयोग ने इस मामले में जब कहा कि महिला को कानूनी कार्रवाई का अधिकार है, अनावेदक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए राशि देने सहमति दे दी।

बैंक के प्यून को 1.70 लाख मिलेंगे

नागरिक सहकारी बैंक गोलबाजार में चपरासी के पद पर साल 2008 से कार्यरत प्यून को दो साल 7 महीने के बकाया वेतन 170500/- नहीं देने के मामले में आयोग ने सुनवाई की। आयोग के समक्ष उपस्थित अनावेदक जो बैंक समापक है , ने बताया कि आरबीआई की गाईड लाईन के अनुसार जब बैंक की रिकवरी आ जाएगी तो आवेदिका को उसका बकाया वेतन दे दिया जाएगा।

इस मामले में पक्ष रखा गया कि आवेदिका गरीब मजूदर महिला है और इतनी बड़ी राशि के लिए वह लम्बा इंतजार नहीं कर सकती है, ऐसी दशा में आयोग ने अनावेदक को निर्देशित किया कि वह दो माह के अन्दर 170500/- लाख का मय ब्याज के साथ भुगतान करे। आवेदिका को बकाया राशि दिलाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता को नियुक्त करने के भी निर्देश दिए।

लापरवाही पर काम से हटाया तो अफसर को भ्रष्टाचारी बताने लगे

मंडी परिषद तोरवा में सहायक मि‌ट्टी परीक्षण अधिकारी के पद पर कार्यरत आवेदिका ने आयोग को बताया कि कार्य में लापरवाही बरतने पर उन्होंने अनावेदक क्र.01 को दैनिक मजदूरी के काम से हटा दिया था, इसके बाद से वह मजदूर यूनियन के अध्यक्ष के साथ मिलकर उसे भ्रष्टाचारी बता कर परेशान करने लगे।

विभागीय जांच में आवेदिका को निर्दोष पाया गया । आयोग ने इस मामले में आदेश दिया कि यदि दोबारा आवेदिका को व्यक्तिगत रूप से परेशान किया जाता है तब आवेदिका द्वारा इस आर्डरशीट के माध्यम से दोनों आवेदकगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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