आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई को खत्म : इस साल 0.29 फीसदी ने कम भरा रिटर्न, अभी दो अवसर और मिलेंगे…!!

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प्रदेश में भी आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई को खत्म हो गई। अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार इस बार लगभग 0.29 प्रतिशत कम करदाताओं ने आईटीआर भरा है। राज्य में 15 अप्रैल से 31 जुलाई तक 1 लाख 45 हजार 407 करदाओं ने रिटर्न भरा। इसी अवधि में पिछले साल 1 लाख 48 हजार 488 करदाताओं ने यह राष्ट्रीय जिम्मेदारी पूरी की थी। कम आयकर विवरणी भरने की वजह भारी और लगातार बारिश को माना जा रहा है।

देश में में कुल करदाताओं के आईटीआर भरने में छत्तीसगढ़ का योगदान 1.52 प्रतिशत से ज्यादा है। नए प्रावधान के तहत पिछले सालों का भी अपडेटेड आईटीआर भरा जा सकता है। इसमें लाइबिलिटी पर वास्तविक टैक्स व ब्याज के अलावा 25 फीसदी अतिरिक्त राशि देनी होती है।

18 साल बाद ही आईटीआर भरा जा सकता है। उसके कम उम्र का यदि कोई आय कमाने वाला है तो उसकी आय उसके पेरेंट्स की मानी जाती है। यदि कोई 31 मार्च के बाद बालिग होकर आईटीआर भरता है तो यह भी उसके माता-पिता की आय में जोड़ा जाता है। यह प्रावधान समान्य प्रकरणों के लिए हैं। लोन की सुविधाओं को देखते हुए हर साल करदाताओं की संख्या में इजाफा हो रहा, क्योंकि कार लोन के लिए कम से कम दो साल का आईटीआर मांगा जाता है।

टीडीएस के सेक्शन भी बढ़ने से करदाता बढ़े हैं, क्योंकि वे टीडीएस के रिफंड के लिए आईटीआर भरते हैं। जानकारों के अनुसार 31 जुलाई तक देशभर में लगभग 7.28 करोड़ करदाताओं ने 2024-25 के लिए आईटीआर फाइल किया।

इनमें से 5.27 करोड़ लोगों ने न्यू टैक्स रिजीम अपनाई। जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में 2.01 करोड़ ने आईटीआर फाइल किया था। यानी 72 प्रतिशत करदाताओं ने न्यू टैक्स रिजीम में अपटेड कर लिया, जबकि 28 फीसदी ओल्ड टैक्स रिजीम में ही निरंतरता बनाए हुए हैं।

नई टैक्स रिजीम भी अच्छी स्कीम है: एक्सपर्ट पैनल

आईटी रिटर्न भरने में करदाताओं ने अच्छा उत्साह दिखाया है। नई टैक्स रिजीम भी अच्छी स्कीम है। करदाताओं के लिए लाभदायक है। इसके साथ ही छोटे कर दाताओं और प्रोफेनल के लिए भी बिना दिक्कतों के आसानी से आईटीआर के लिए प्रोत्साहित करता है।
– ध्रुव पांडेय, सीए एवं एक्स फैलो मेंबर इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउटेंट्स ऑफ इंडिया

अभी 31 दिसंबर तक ब्याज व जुर्माने के साथ भी आईटीआर भरने का अवसर है। 5 लाख रुपए से ज्यादा आय वाले 5 हजार और उससे कम आय वाले 1 हजार रुपए जुर्माना या विलंब शुल्क भरकर आईटीआर भर सकते हैं। कम आईटीआर संभवत: बारिश की वजह से कम भरे गए। वैसे हर साल आईटीआर की संख्या बढ़नी चाहिए।
– संजय झाबक, आयकर विशेषज्ञ एवं सीए

देश में लगभग 2 करोड़ लोग टैक्सेबल इनकम पाते हैं। वे आईटीआर भरते हैं। बाकी प्रक्रिया के तहत जिम्मेदारी निभातें हैं। ऐसा नहीं हैं कि बाकी लोग कर नहीं देते। देश का लगभग हर नागरिक जब भी कोई न कोई वस्तु खरीदता है वह जीएसटी का भुगतान करता है।
– जमील अहमद, पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त छत्तीसगढ़

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