छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की 2019 से 2022 तक भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई ने बुधवार को दबिश दी। इस दौरान टीम ने रायपुर, दुर्ग, महासमुंद, धमतरी और बिलासपुर में कार्रवाई की। आयकर विभाग की टीम के साथ केंद्रीय एजेंसी सुबह 7 बजे तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कुरुद के सरबदा स्थित पैतृक निवास पहुंची। करीब आधे घंटे इंतजार के बाद टीम भीतर जा पाई। इस दौरान घर पर मौजूद टामन और उनके डिप्टी कलेक्टर भतीजे नीतेश से चार घंटे तक अलग-अलग पूछताछ की गई। दोनों के मोबाइल व जरूरी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। घर के एक सदस्य को सीबीआई अपने साथ ले गई है। सीबीआई की अन्य टीम बिलासपुर में कांग्रेसी नेता राजेंद्र शुक्ला, भिलाई में तत्कालीन राज्यपाल सचिव अमृत खलखो, महासमुंद में सोनवानी की भांजी सुनीता जोशी, भिलाई में पुलिस अधिकारी और सोनवानी के रिश्तेदारों के घर दबिश दी गई। इस दौरान मकान में जो भी मिला, उनसे चार से पांच घंटे पूछताछ हुई है। सीबीआई की जांच के घेरे में पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत पीएससी दफ्तर के अधिकारी जांच के घेरे में हैं। इसके अलावा चयनित 18 उम्मीदवार भी शामिल हैं।
इनमें टामन का भतीजा नीतेश, बड़े भाई का बेटा साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी, पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो की बेटी नेहा व बेटा निखिल, डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार प्रज्ञा नायक व प्रखर नायक, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका, दामाद शशांक गोयल, मंत्री के ओएसडी के साढ़ू की बेटी खुशबू बिजौरा, कांग्रेस नेता का बेटा राजेंद्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम, मीनाक्षी गनवीर शामिल है। सीबीआई इनके घरों में छापा मारकर जांच कर रही है।
पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा रायपुर: सीबीआई जल्द ही पीएससी के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाने वाली है। पूछताछ के लिए सूची तैयार कर ली गई है। सभी को समन भेजकर बुलाया जाएगा। पहले पीएससी में पदस्थ रहे अधिकारियों का बयान भी होगा। उसके बाद पीएससी की 2019 से 2022 तक चयनित लोगों के बयान लिए जाएंगे।
पांच घंटे तक हुई पूछताछ… मार्कशीट, मोबाइल और लैपटॉप जब्त
सीबीआई की टीम ने टामन सिंह सोनवानी से पांच घंटे तक पूछताछ की। उनसे परीक्षा को लेकर जानकारी ली गई। उनके भतीजे नीतेश से अलग पूछताछ की गई। अधिकारी नीतेश की मार्कशीट और मोबाइल ले गए हैं। टामन के रायपुर स्थित मकान और फार्म हाउस में भी जांच हुई। बिलासपुर में राजेंद्र शुक्ला के यदुनंदन नगर और तिफरा स्थित मकान की जांच की गई। राजेंद्र के बेटे की मार्कशीट और पैनड्राइव जांच टीम ले गई है। अमृत खलखो के रायपुर और भिलाई आवास की जांच हुई है। रात 8 बजे तक सीबीआई की जांच चलती रही। कुछ जगह टीम पांच घंटे में ही बाहर निकल गई।
ऐसे समझें पूरा विवाद सीजीपीएससी 2019 से 2022 तक की भर्ती को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। पीएससी ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता व ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।
भ्रष्टाचारी नहीं बचेंगे: सीएम। इस बीच, सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार ने पीएससी जैसी स्वच्छ छवि वाले संस्थान में घोटाला कर उसको बदनाम किया। प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। अब सुशासन की सरकार में घोटालों की तह तक जांच हो रही है, कोई भी भ्रष्टाचारी नहीं बचेंगे। युवाओं को न्याय मिलकर रहेगा।