छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाले का आरोपी रोशन चंद्राकर को जेल के बाहर ऐश करवाई जा रही है। आरोपी चंद्राकर को जेल से बाहर निकालकर एक होटल में पहुंचा दिया गया। इस दौरान जेल प्रहरी लखन जायसवाल उसके बच्चों को घुमाने ले गया। दरअसल, रोशन चंद्राकर अभी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। 2 अगस्त को इलाज के बहाने आरोपी जेल प्रहरी लखन उसे बाहर लेकर निकला। इसके बाद होटल वेनिंगटन पहुंचा दिया। दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक रोशन होटल में ही रहा। जब आरोपी रोशन चंद्राकर होटल में अपनी पत्नी और अन्य लोगों से मिल रहा था। उस दौरान प्रहरी जायसवाल उसके बच्चों को पंडरी स्थित सिटी सेंटर मॉल घुमा रहा था। उसने छिपने के लिए वर्दी के ऊपर टी-शर्ट पहन रखी थी।
DG जेल मिश्रा ने प्रदेश की सभी जेलों के लिए जारी किए आदेश
मामला सामने आने के बाद DG जेल राजेश मिश्रा ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाई है। उन्होंने आरोपी जेल प्रहरी को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही प्रदेश के सभी जेल अधीक्षक को आदेश जारी कर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है।
आदेश में कहा गया है कि, इलाज के दौरान बंदियों को बाहर ले जाकर होटल में चाय-नाश्ता कराने, मोबाइल देने जैसी बातें सामने आ रही हैं। इससे स्पष्ट हो रहा है कि आपका अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण शिथिल हो रहा है। ऐसे में बंदियों को अवैध तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले प्रहरियों पर सख्त कार्रवाई करें।
पहले जानिए कौन है रोशन चंद्राकर
छत्तीसगढ़ के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में आरोपी रोशन चंद्राकर राइस मिलर्स एसोसिएशन का पूर्व कोषाध्यक्ष है। आरोप है कि पद पर रहते रोशन लेवी वसूलता और अफसरों को जानकारी देता था। जिन मिलर्स से कमिशन के रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता था।
कारोबारियों के अनुसार, अफसरों को हर काम का पैसा देना पड़ता था। ED ने करीब 3 माह पहले रोशन चंद्राकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उस समय वह मिलर्स एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष था।
अब जानिए क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला और वसूली का सिंडिकेट
छत्तीसगढ़ में ED ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी सहित 5 पर FIR दर्ज कराई है। आरोप है कि 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई। इसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं।
ED की जांच में ये पाया गया कि, तत्कालीन जिला मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है।
किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए मिलती थी। रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका को देता थे, उनका भुगतान कर बाकी मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी।
इस काम की लगती थी इतनी राशि
काम | राशि |
कस्टम मिलिंग (प्रति क्विंटल) | 20 रुपए |
डीओ काटने का | 100 रुपए |
मोटा धान को पतला धान रिपोर्ट देने (प्रति क्विंटल) | 100 रुपए |
पतले धान को मोटा धान बताने की रिपोर्ट (प्रति क्विंटल) | 100 रुपए |
FCI से नॉन में कंवर्ट करने की रिपोर्ट (प्रति क्विंटल) | 100 रुपए |
अक्टूबर 2023 में ED ने की थी रेड
20 अक्टूबर 2023 को ED ने छापा मारा था। ED ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट ‘X‘ अकाउंट पर लिखा था कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व MD, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई।
चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला। ED ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। इस जांच के बाद ED की स्थानीय टीम ने प्रतिवेदन दिया और उसके बाद एफआईआर हुई।
BJP विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा
6 मार्च 2023 को विधानसभा में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जो मिलर्स वसूली देते है, उनको ही भुगतान होता है। इसके बाद तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सबूत मांगा था और सदन में जमकर हंगामा हुआ था।