दुर्ग के साइंस कॉलेज में बुधवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने युवाओं से अपील की है कि, वो राष्ट्र निर्माण के लिए आगे आएं। जब आप खुद को मजबूत करेंगे तो राष्ट्र अपने आप मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि, भारतीय संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया समाया हुआ है। सर्वे भवन्तु सुखिन: के भाव में अलग-अलग जाति, धर्म के लोग ही समाहित नहीं है। बल्कि इसमें मनुष्य के साथ-साथ पशु, पेड़-पौधे, चेतन के अलावा जड़ भी समाहित हैं।
निर्जीव, पर्वत, नदी, पत्थर सभी समाहित हैं। इतनी बड़ी परिकल्पना केवल भारतीय संस्कृति में की जा सकती है। भारत की एकता और अखण्डता को एक राष्ट्र के रूप में निर्मित बनाए रखने के लिए जरूरी है कि राष्ट्र विरोधी ताकतों को कम किया जाए। किसी शब्द की उत्पत्ति उसकी संस्कृति और जीवन के आधार पर होती है।
ओपी चौधरी ने कहा कि, जब देश रहेगा तो हमारा भविष्य रहेगा। जब देश नहीं रहेगा तो हम सभी का भविष्य नहीं रहेगा। देश प्रगति करेगा तो उसका लाभ हम सबको मिलता है। इस दौरान उन्होंने साईंस कॉलेज में एक ऑडिटोरियम बनवाने का आश्वासन दिया।
इस दौरान दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, सिख समाज के डॉ. साहब सिंह, सिंधी समाज से चार्टर्ड अकाउंटेंट चंद लेखवानी, जिला महामंत्री सुरेंद्र कौशिक, साजन जोसेफ, पूर्व कैबिनेट मंत्री रमशिला साहू, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, जिला उपाध्यक्ष राजेन्द्र पाध्ये, दिलीप साहू, विनायक नातू, अरविंदर खुराना, अलका बाघमार, आशीष निंमजे, दीपक चोपड़ा, नीलेश अग्रवाल, मनोज सोनी, अनूप सोनी, दिनेश देवांगन, राजा महोबिया बड़ी संख्या में भाजपा नेता मौजूद रहे।
जिलाध्यक्ष ने बताया क्यों मनाया जा रहा विभीषिका स्मृति दिवस
जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाजन के इतिहास को हम सबको जानना बहुत आवश्यक है। ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि देश के विभाजन के समय दो करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। ना जाने कितनों को अपनी जान गंवानी पड़ी। ना जाने कितनी माताएं और बहनों को बलात्कार और तरह-तरह की यातना को भी झेलना पड़ा। इसी त्याग को जानने के लिए यह दिवस मनाया जा रहा है।
दुर्ग विधायक ने कहा बहुत तकलीफ दायक था वो दर्द
दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव ने कहा कि विभाजन के समय के दर्द को मन में याद करने से मन में सिहरन पैदा हो जाती है। हर आदमी इस दर्द को नहीं समझ सकता। जिन्होंने उसे झेला है और देखा है विभाजन के समय लोगों को ढूंढ ढूंढ कर मरा जा रहा था। जहां देखो वहां कत्लेआम का नजारा था। वो दर्द वास्तव में बहुत तकलीफ दायक था।