छत्तीसगढ़ के 2 पूर्व CM,मौजूदा गृहमंत्री जा चुके हैं जेल:जग्गी केस में जोगी, सीडी-कांड में भूपेश और झंडा-विवाद में विजय शर्मा, अब MLA देवेंद्र

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छत्तीसगढ़ के 2 पूर्व CM,मौजूदा गृहमंत्री जा चुके हैं जेल:जग्गी केस में जोगी, सीडी-कांड में भूपेश और झंडा-विवाद में विजय शर्मा, अब MLA देवेंद्र

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया गया है। वह रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसे लेकर सियासत गर्म है। कांग्रेस गिरफ्तारी के विरोध में 24 अगस्त को बड़ा आंदोलन करने जा रही है। हाई-प्रोफाइल केस की बात करें तो छत्तीसगढ़ गठन के बाद पिछले 23 साल में 5 बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ा है। खास बात यह है कि इनमें ज्यादातर कांग्रेस नेता हैं और उनमें भी दो पूर्व CM शामिल हैं। इनके अलावा अमित जोगी और मौजूदा गृहमंत्री विजय शर्मा का भी नाम शामिल है।

विस्तार से जानिए माननीयों की गिरफ्तारी से लेकर जेल, जमानत और सियासत की पूरी कहानी…

  • 1. अजीत जोगी : जब NCP नेता की हत्या आरोप में हुए गिरफ्तार
2007 में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी की गिरफ्तारी राजनांदगांव के वीरेंद्रनगर से की गई थी। बात सबसे पहले छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेट रहे अजीत जोगी की। साल 2007 में राजनांदगांव के वीरेंद्रनगर से अजीत जोगी को NCP नेता रामवतार जग्गी की हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया। उस समय राजनांदगांव में उप चुनाव चल रहे थे। गिरफ्तारी के बाद तबीयत खराब होने से जोगी को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके वकील एसके फरहान ने जमानत के लिए निचली अदालत में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन खारिज हो गई। इसी कोर्ट में NCP नेता हत्याकांड के सभी मामलों की सुनवाई हो रही थी। इसके बाद जस्टिस वीएल तिर्के की अदालत ने जोगी के खराब स्वास्थ्य के कारण एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी।

जग्गी के हत्या से पहले प्रदेश के सियासी हालात

छत्तीसगढ़ अलग प्रदेश बना तब विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत था। कांग्रेस की ओर से CM पद की रेस में विद्याचरण शुक्ल का नाम सबसे आगे चल रहा था, लेकिन आलाकमान ने अचानक अजीत जोगी को मुख्यमंत्री बना दिया। इस वजह से पहले से नाराज चल रहे विद्याचरण पार्टी में अपनी अनदेखी से और ज्यादा नाराज हो गए। नवंबर 2003 में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही उन्होंने कांग्रेस छोड़कर NCP जॉइन कर ली। NCP के बढ़ते दायरे से कांग्रेस को सत्ता से बाहर होने का डर सताने लगा। जग्गी की हत्या से कुछ दिन पहले ही NCP की बड़ी रैली होने वाली थी, जिसमें शरद पवार समेत पार्टी के कई बड़े नेता आने वाले थे।

  • 2. भूपेश बघेल : सेक्स सीडी कांड में जाना पड़ा जेल

प्रदेश का विवादित और चर्चित सेक्स सीडी कांड। इस मामले में CBI ने 24 सितंबर 2018 को भूपेश बघेल को गिरफ्तार किया था। उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा। हालांकि उन्होंने खुद को निर्दोष और राजनीतिक षड्यंत्र बताया था। लेकिन जमानत लेने से इनकार कर दिया। जबकि कोर्ट ने इसी मामले में अन्य आरोपी विजय भाटिया को जमानत दे दी थी। वहीं विनोद वर्मा पहले से ही जमानत पर थे। कोर्ट ने विनोद वर्मा पर ब्लैकमेल की धारा को हटा दिया है। बाद में पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद बघेल ने चौथे दिन 28 सितंबर को जमानत ली।

आरोपी ने सुसाइड किया, भूपेश CM बन गए

जांच के दौरान पता चला कि, मामले का मास्टरमाइंड छत्तीसगढ़ भाजपा नेता कैलाश मुरारका है। इस काम में एक अन्य आरोपी विनय पांड्या और रिंकू खानुजा ने उसकी मदद की। मामले में नाम आने के बाद से कैलाश मुरारका ​​​​​​फरार हो गया। वहीं कुछ समय बाद रिंकू खानुजा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। दूसरी ओर भूपेश बघेल जब जमानत पर बाहर आए तो कांग्रेस में हीरो बन चुके थे। भूपेश जब जेल से छूटे तो कांग्रेसियों ने जश्न मनाया। इसका सियासी फायदा भी उन्हें मिला। कांग्रेस के सत्ता में आने और तमाम खींचतान के बाद उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया।

  • 3. विजय शर्मा : झंडा विवाद में 19 दिन जेल में रहे

कवर्धा में झंडा विवाद और हिंसा हुई थी। इस मामले में तब भाजपा के प्रदेश महामंत्री व जिला पंचायत सदस्य रहे विजय शर्मा और भाजयुमो नेता कैलाश चंद्रवंशी को गिरफ्तार किया गया था। दोनों नेताओं पर बलवा समेत अन्य मामले दर्ज थे। वहीं जिला खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम के एट्रोसिटी मामला भी था। इसमें 19 दिनों तक दोनों नेता जेल में रहे। दुर्ग के ग्राम जोराताल स्थित जेल से उनके छूटने से पहले ही भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। नेताओं को रैली निकाल कर शहर में लाया गया। समर्थकों ने पटाखा फोड़कर स्वागत किया और जय श्रीराम के नारे लगाए थे। विजय शर्मा अब प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री हैं। 2019 में गिरफ्तारी के बाद अमित जोगी को 15 दिन के लिए जेल भेजा गया। इस दौरान अमित ने कहा था कि हम डरने वाले नहीं हैं। बहुत जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। माननीय न्यायालय मेरे साथ है। भूपेश बघेल बदले की भावना से काम कर रहे हैं। दरअसल, मरवाही के पूर्व विधायक जोगी के खिलाफ गौरेला थाने में धारा-420 के तहत मामला दर्ज था। मामला 2013 में मरवाही से भाजपा की प्रत्याशी रहीं समीरा पैकरा ने दर्ज कराया था। शिकायत के मुताबिक, जोगी ने शपथ पत्र में अपना जन्म स्थान और जाति गलत बताई थी। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में गिरफ्तार विधायक देवेंद्र यादव को 3 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने शनिवार को भिलाई स्थित निवास से कांग्रेस विधायक को गिरफ्तार किया था। पुलिस देवेंद्र यादव को लगातार नोटिस जारी कर रही थी। चौथी बार नोटिस जारी होने के बाद विधायक ने बयान देने जाने से मना किया। उन्होंने कहा था कि पुलिस को जो भी बयान लेना है, उनके पास आए और लेकर जाए। बताया जा रहा है कि कलेक्ट्रेट में आगजनी को लेकर उनसे पूछताछ की जानी थी। बलौदाबाजार एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि, 10 जून को आगजनी की घटना को लेकर FIR दर्ज की गई थी। आजगजनी से पहले प्रदर्शन में देवेंद्र यादव शामिल थे। उसी केस में विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी की गई। उनको कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 20 अगस्त तक उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।

जानिए क्या हुआ था बलौदाबाजार में

जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। इस मामले में कई दिनों से प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जा रहा था। 9 जून को डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए।

हिंसा वाले दिन 10 जून को क्या हुआ

सतनामी समाज की ओर से 10 जून को शांतिपूर्ण प्रदर्शन बुलाया गया। प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में प्रदर्शन कर रहा था। अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसके बाद कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की। इससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित ध्वजारोहण के पोल पर सफेद रंग का ध्वज लगा दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं।

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