भिलाई स्टील प्लांट को निहारते रहे राज्यपाल रमेन डेका : संयंत्र की गतिविधयां देखी, प्रशासनिक अधिकारियों की ली बैठक, मां के नाम पेड़ भी लगाए…!!

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छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका बुधवार को सेल की इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र का निरीक्षण किया। जब वो प्लांट के अंदर पहुंचे, तो एक टक निहारते रह गए। इस दौरान उनके साथ बीएसपी के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता और सांसद विजय बघेल भी मौजूद रहे। राज्यपाल रमेन डेका पहली बार भिलाई स्टील प्लांट पहुंचे थे। सुरक्षा उत्कृष्टता केन्द्र में उन्हें सीआईएसएफ ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। आवश्यक सुरक्षा निर्देशों के बारे बताया गया। राज्यपाल ने भिलाई इस्पात संयंत्र के मॉडेक्स इकाइयों के ब्लास्ट फर्नेस-8, स्टील मेल्टिंग शॉप-3 और यूनिवर्सल रेल मिल को देखा और उससे जुड़े कई सवाल भी अधिकारियों से पूछे।

रेल पैनल की लोडिंग प्रक्रिया को जाना

उन्होंने ब्लास्ट फर्नेस-8 में हॉट मेटल उत्पादन, एसएमएस-3 में क्रूड स्टील उत्पादन, यूआरएम में विश्व की सबसे लंबी 130 मीटर रेल की रेलिंग और 260 मीटर वेल्डेड रेल पैनल की लोडिंग प्रक्रिया को नजदीक से देखा। इस दौरान उनके साथ बीएसपी के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

एक पेड़ मां के नाम लगाए

राज्यपाल डेका ने तितुरडीह स्थित कृष्ण कुंज में ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत कचनार का पौधा लगाया। राज्यपाल ने इस दौरान सभी अपने जीवन में एक पेड़ जरूर लगाने का आह्वान किया।

इस दौरान विधायक गजेन्द्र यादव, संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर, आईजी रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, डीएफओ चंद्रशेखर परदेशी, अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार शुक्ला, एसडीएम दुर्ग मुकेश रावटे आदि उपस्थित रहे।

जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों की बुलाई बैठक

राज्यपाल डेका ने लोक निर्माण विभाग के सभाकक्ष में दुर्ग जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने सभी का परिचय जाना। वहां उन्होंने जिले में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के अलावा सामाजिक हितों के लिए जिले में किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली।

राज्यपाल ने कहा कि, सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से इसका लाभ जन-जन तक पहुंचता है। उन्होंने अधिकारियों को दायित्वों का निर्वहन कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की भावना से करने कहा।

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