लाइट मेट्रो ट्रेन पर सियासत: पूर्व मंत्री मूणत ने रूस के साथ MoU को बताया फर्जी, मेयर का जवाब, नियमानुसार किया जा रहा काम

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रायपुर। सर्वे से पहले ही लाइट मेट्रो ट्रेन सवालों के घेरे में आ चुकी है। महापौर एजाज ढेबर द्वारा गुरुवार को रूस के साथ किया गया एमओयू फर्जी बताया जा रहा है। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने आरोप लगाया है कि महापौर व्यक्तिगत निमंत्रण पर मास्को गए हैं। वह इस तरह का एमओयू नहीं कर सकते। जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में वे हिस्सा लेने की बात कह रहे हैं, उसका निमंत्रण मास्को शहर के डिप्टी मेयर ने उन्हें दिया था, वहां की सरकार ने नहीं। भारत का कोई भी मंत्रालय या विभाग किसी भी देश के साथ एमओयू तभी कर सकता है जब उसे कैबिनेट या कैबिनेट की समितियों से स्वीकृति मिलती है। वहीं, महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि उन्होंने प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए एमओयू नहीं, बल्कि रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने की संभावनाओं के सर्वे के लिए एमओयू किया है। रूसी नियम के अनुसार, पहले उनकी तकनीकी टीम रायपुर का भ्रमण करेगी। संभावना होने पर प्रोजेक्ट से संबंधित प्रक्रियाओं की शुरुआत होगी। नगर निगम ने 2024-25 के बजट में भी 500 करोड़ की इस परियोजना को पीपीपी मोड़ पर किए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का जिक्र किया गया है।

आयुक्त ने महापौर के दौरे को बताया निजी

मृत्युंजय दुबे नगर निगम के भाजपा पार्षद दल प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे का कहना है कि नगर निगम आयुक्त ने महापौर के दौरे को निजी बताया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन या निगम प्रशासन से महापौर एजाज ढेबर को आने जाने के लिए टिकट की राशि नहीं दी गई है। वे अपने निजी दौरे पर गए हुए हैं। जिस एमओयू समझौता पर उन्होंने हस्ताक्षर किया है, उसका अधिकार ही उन्हें नहीं है।

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