पीजी में छात्रों की पहली पसंद मेडिसिन, जनरल सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट, गायनो और पीडियाट्रिक्स

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नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पोस्ट ग्रेजुएशन (नीट) पीजी-2024 के रिजल्ट जारी हो गए हैं। इस बार 2.28 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। अब राज्य समेत देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। एडमिशन के लिए रायपुर का शाकीय मेडिकल कॉलेज छात्रों की पहली च्वाइस है। यहां कुल 21 डिपार्टमेंट हैं। पिछले सालों की एडमिशन मेरिट लिस्ट के अनुसार एमबीबीएस के बाद पीजी करने के लिए छात्रों की पहली पसंद मेडिसिन, जनरल सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट, गायनेकोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिक्स जैसे विभाग हैं। एक्सपर्ट ने बताया की ऐसी इस लिए क्योंकि इन स्पेशलिस्ट की डिमांड काफी अधिक है। साथ ही कम निवेश में स्पेशलिस्ट डॉक्टर अपनी प्रेक्टिस शुरू कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के छह शासकीय और दो निजी मेडिकल कॉलेज हैं, जहां पीजी की पढ़ाई होती है। सत्र 2024-25 के लिए इनमें इस बार कुल 460 सीटें मौजूद हैं। इस साल एमडी-एमएस की कुल 55 सीटें बढ़ी हैं। पिछली बार 405 सीटें थी। मेडिसिन व जनरल सर्जरी, ऑब्स एंड गायनी व पीएसएम, स्किन, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी व बायोकेमेस्ट्री, रेडियो डायग्नोसिस व एनोटॉमी समेत अन्य में पीजी की 55 बढ़ी है। माइक्रोबायोलॉजी की 10 से 15 सीटें और बढ़ने की संभावना है। गौरतलब है कि शासकीय मेडिकल कॉलेज रायपुर के 21 डिपार्टमेंट में 150 सीटें हैं। इसी तरह देस में करीब 26.6 हजार एमडी, 13.8 एमएस और नौ सो पीजी डिप्लोमा की सीटें हैं।

तीन सालों में चार विभाग शुरू
साल दर साल रायपुर मेडिकल कॉलेज में कई नए विभाग शुरू हुए हैं। इसके अनुसार साल 2022 में ट्यूबरक्लोसिस, अर्थोपेडिक और एनोटॉमी जैसे तीन विभाग शुरू हुए थे। इन कोर्स की सभी सीटें में हर साल प्रवेश हुए आ है। इसके बाद 2023 में फॉरेंसिक मेडिसिन की पढ़ाई शुरू हुई थी। वहीं साल 2022 से एक कोर्स को बंद भी किया गया था। यह कोर्स रेस्पिरेटरी मेडिसिन का था। इसमें कुल 2 सीटें थीं।

पिछले साल रायपुर की 7 सीटें रह गई थी खाली
साल 2023 में रायपुर मेडिकल कॉलेज के 21 में से पांच डिपार्टमेंट की सीटें खाली रह गई थी। यहां कुल 150 सीटें थी। इसके मुताबिक बायोकेमिस्ट्री में कुल 4 सीटें थी, जिसमें से 3 सीट पर प्रवेश हुआ था। इसी तरह फॉरेंसिक मेडिसिन और माइक्रो बायोलॉजी की 5-5 सीटों में से 4-4 फुल हुई थी। वहीं पैथोलॉजी में 11 और प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन में 9 सीटें थी। इनमें 2-2 सीट पर प्रवेश नहीं हुआ था। इसके अलावा कॉलेज में जनरल मेडिसिन की 17, जनरल सर्जन की 14, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की 10, गायनेकोलॉजिस्ट की 12, रेडियो डायग्नोसिस की 12 और पीडियाट्रिक्स की 11 सीटें थी। इन सभी विभागों में सबसे अधिक सीटें हैं।

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