सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि एशिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी के पास दौलत की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन पर कर्ज भी उतना ही है. बीते एक बरस में अडानी पर कुल कर्ज काफी बढ़ गया है. ताज्जुब की बात तो ये है कि देश के लोकल बैंकों से लिया गया कर्ज करीब 18 हजार करोड़ रुपए बढ़ गया. जबकि विदेशी बैंकों से लिया गया कर्ज कम हुआ है. वहीं बीते एक साल में कुल कर्ज में 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है.
रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप पर लोकल बैंकों और एनबीएफसी का कर्ज कुल डेट का 36 फीसदी हो चुका है. जबकि बीते साल यह आंकड़ा सिर्फ 31 फीसदी था. इसका मतलब है कि लोकल बैंकों और एनबीएफसी से लिया गया कर्ज 5 फीसदी तक बढ़ चुका है. आइए आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर गौतम अडानी पर कुल कितना कर्ज बढ़ा है? जिसमें लोकल बैंकों और एनबीएफसी की हिस्सेदारी कितनी हो गई है?
लोकल बैंकों से लिया कर्ज बढ़ा
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक गौतम अडानी ने भारतीय लेंडर्स से कुल 88,100 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. जोकि ग्रुप के कुल कर्ज 2,41,394 करोड़ रुपए का 36 फीसदी है. जबकि 31 मार्च, 2023 तक घरेलू लेंडर्स और एनबीएफसी का ग्रुप पर 70,213 करोड़ रुपए बकाया था, जोकि ग्रुप के कुल कर्ज 2,27,248 करोड़ रुपए का 31 फीसदी था. जानकारी के अनुसार स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक सहित बैंकों ने अडानी ग्रुप में अपने लोन में इजाफा किया है. वैसे बैंकों की ओर से अभी को कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. जानकारों की मानें तो एयरपोर्ट और ग्रीन एनर्जी बिजनेस में कैपिटल एक्सपेंडिचर के कारण ग्रुप के कर्ज में इजाफा देखने को मिला है. ग्रुप की ओर से बेसिक इंफ्रा, पोर्ट, मेटल्स, निर्माण सामग्री, यूटिलिटी और तेजी से बढ़ते कंज्यूमर गुड्स तक में काफी खर्च किया है.