भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 26 अगस्त को कहा कि केंद्रीय बैंक यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस या यूएलआई का पायलट टेस्टिंग चला रहा है, जो एक टेक्नोलॉजी बेस्ड प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य वैल्यूएशन में लगने वाले समय को कम करके खासकर ग्रामीण और छोटे कर्ज लेने वालों के लिए लोन प्रदान करना है.
लोन सेक्टर में आने जा रही क्रांति
गवर्नर ने कहा कि यूएलआई से विभिन्न क्षेत्रों में, खासकर कृषि और एमएसएमई सेक्टर के लिए लोन की बड़ी अधूरी मांग को पूरा करने की उम्मीद है, उन्होंने कहा कि जल्द ही इसे देश भर में लॉन्च किया जाएगा. जिस तरह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने पेमेंट इकोसिस्टम को बदल दिया, उसी तरह हम उम्मीद करते हैं कि यूएलआई लोन सेक्टर में बड़ा बदलाव लाएगा.
दास ने कहा कि यह केंद्रीय बैंक द्वारा बैंकिंग सेवाओं के डिजिटलीकरण का हिस्सा है. यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस डिजिटल जानकारी की सुविधा देता है, जिसमें कई डेटा प्रोवाइडर्स से लोन लेने वालों तक के भूमि रिकॉर्ड भी शामिल हैं. यह क्रेडिट वैल्यूएशन में लगने वाले समय को कम करता है, खासकर ग्रामीण और छोटे स्तर पर लोन लेने वालों के लिए लाभकारी है.
त्रिमूर्ति से बनेगा लोन का काम
दास बेंगलुरु में DPI और इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज पर वैश्विक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. नया प्लेटफ़ॉर्म संभावित उधारकर्ताओं की सहमति पर आधारित है और डेटा गोपनीयता पूरी तरह से सुरक्षित है. यह कई तकनीकी एकीकरणों की जटिलता को भी कम करता है. दास ने कहा कि यह उधारकर्ताओं को बिना किसी दस्तावेज़ के लोन की आसान पहुंच प्रदान करेगा. रिजर्व बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा कि पहले नीति निर्माताओं के पास जन धन-आधार-मोबाइल या JAM की त्रिमूर्ति थी और अब वे एक नई त्रिमूर्ति का प्रस्ताव कर रहे हैं. नई त्रिमूर्ति – JAM, UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस) और ULI होगी. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को धीरे-धीरे शुरू किया जाना, भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) यात्रा में एक क्रांतिकारी कदम है. केंद्रीय बैंक के लिए दो मुख्य DPI फोकस क्षेत्र ULI और CBDC हैं. उन्होंने कहा कि भुगतान को सरल बनाने और वित्तीय समावेशन को और बढ़ावा देने के लिए यूपीआई और सीबीडीसी को विलय करने पर भी काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यूएलआई और सीबीडीसी दोनों ही आपस में जुड़ेंगे. इसके अलावा, दास ने बताया कि भारत 2024 में एआई के लिए वैश्विक साझेदारी का प्रमुख अध्यक्ष है, एडवांस रिसर्च का समर्थन करने के लिए 29 देशों के साथ गठजोड़ कर रहा है.