दुर्बलता को त्याग साहस से कर्म पथ पर बढ़ें: तन्मयानंद

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भिलाई | सारदा रामकृष्ण संघ सरस भिलाई के तत्वावधान में श्रीकृष्णजन्माष्टमी पर सेक्टर- 7 भगवत गीता, श्रीरामकृष्ण, मां सारदा और स्वामी विवेकानंद की वाणी और जीवनधारा पर आधारित सत्संग का आयोजन किया गया। विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता रामकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम अंबिकापुर के सचिव स्वामी तन्म्यानंद ने गीता के अध्याय-2 सांख्ययोग से संबंधित श्लोक का उदाहरण देते हुए सांसारिक मनुष्य के लिए अपनाए जाने वाले उपयुक्त पद पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने मनुष्य को हृदय की दुर्बलता को त्याग कर पूर्ण साहस से कर्म पथ पर अग्रसर होने की शिक्षा दी है। कार्यक्रम का संचालन संघमित्रा तोकदार ने किया। सत्संग में सुब्रत विश्वास, शंकर डे, जॉली सेन, शेफाली दास, पॉली सरकार, बाबुल सरकार आदि उपस्थित थे।

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