554 दिन में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के खात्मे की तैयारी:30 करोड़ से हाईटेक होगी पुलिस, 7 राज्यों की JTF; अक्टूबर तक नई सरेंडर पॉलिसी

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 24 अगस्त को रायपुर में कहा था- ‘मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म कर देंगे। अब समय आ गया है कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत और रुथलेस रणनीति के साथ अंतिम प्रहार किया जाए। यानी फरवरी 2026 के आखिर तक छत्तीसगढ़ को 554 दिन में नक्सलवाद खत्म करने का टारगेट दिया गया है। इसके लिए पुलिस को हाईटेक बनाया जाएगा। JTF का गठन होगा। नक्सल प्रभावित इलाकों में हर उम्र के लोगों को साक्षर बनाया जाएगा।

अब समझिए शाह की बैठक के बाद प्रदेश पुलिस के इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्या बदलाव होगा? नक्सल ऑपरेशन कैसे चलेगा? JTF क्या है? पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ कैसे करेगा काम?

पहले जानिए केंद्रीय गृहमंत्री ने रायपुर में क्या-क्या कहा-

  • पुलिस को हाईटेक करने के लिए 30 करोड़

छत्तीसगढ़ पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 30 करोड़ देने की घोषणा की गई है। इससे पुलिस के पास नक्सली इलाकों में ऑपरेशन के लिए आधुनिक इक्विपमेंट, थानों में नेटवर्क और डिजिटल वर्क, पुलिस इन्फ्रास्ट्रक्चर, इंटेलिजेंस को मजबूत करने, शहरी इलाकों में पुलिस व्हीकल, कैमरे वगैरह की व्यवस्था की जाएगी।

  • चीफ सेक्रेटरी और DGP की रिव्यू मीटिंग
मुख्य सचिव और DGP नक्सल ऑपरेशन पर रिव्यू करेंगे। अगली मीटिंग के टारगेट तय होंगे, उन्हें अचीव करना होगा। ऐसा न होने पर संबंधितों पर कार्रवाई करने की बात भी कही गई है। केंद्रीय गृहमंत्री की बैठक के बाद तय किया गया है कि DGP हर सप्ताह नक्सल ऑपरेशन में लगी टीम के साथ बैठक करेंगे। मुख्य सचिव को हर 15 दिन में एक बार नक्सल अभियान से जुड़े विकास कार्यों की समीक्षा बैठक लेनी होगी।
  • जॉइंट टास्क फोर्स (JTF) बनेगी

छत्तीसगढ़ पुलिस अब पहले के मुकाबले और एग्रेसिव ढंग से झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र पुलिस के साथ नक्सल ऑपरेशन करेगी। इसके निर्देश खुद केंद्रीय गृहमंत्री ने दिए हैं। ये भी कहा गया है कि जॉइंट टास्क फोर्स (JTF) बनाई जाए। इसमें राज्य के अनुभवी अधिकारी और जवान होंगे। ये ऐसी टीम होगी जिसमें नक्सल इलाकों में तैनात, ITBP, BSF, CRPF, स्टेट पुलिस के जवान होंगे। अमित शाह से प्रदेश को निर्देश मिले हैं कि ये टीम स्पेशल स्किल्स में माहिर हो। इसमें उन्हीं अधिकारियों को लगाना चाहिए जो उपयुक्त हों। DGP इसकी समीक्षा करेंगे और इसमें बदलाव करेंगे। वामपंथी उग्रवाद के लंबे समय के प्रभाव के कारण जो लोग निरक्षर रह गए हैं, सरकार उनके लिए शिक्षा की व्यवस्था करेगी। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय एक अभियान चलाएगा। ये हर उम्र के लोगों के लिए होगा। इसके तहत गांव-गांव के लोगों को साक्षर बनाया जाएगा। उन्हें पढ़ना-लिखना सिखाया जाएगा। तेंदूपत्ता की खरीदी की पॉलिसी में भी परिवर्तन की बात अमित शाह ने की है। ये बस्तर के लोगों की आय का बड़ा साधन है

केंद्र की 300 योजना लागू करने की तैयारी

अमित शाह ने कहा था- सरकारी योजना का फायदा जब लोगों को मिलेगा तो सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा। विश्वास से ही नक्सलवाद को खत्म किया जा सकता है। इसके लिए प्रदेश में जहां सबसे ज्यादा नक्सलियों का प्रभाव है, वहां केंद्र और राज्य की सभी 300 योजनाओं काे 100 प्रतिशत लागू करने को कहा गया है।

  • सेंट्रल एजेंसी का इस्तेमाल

प्रदेश सरकार नक्सलियों के मामले में NIA और ED काे जांच सौंपेगी। इन एजेंसी की मदद से नक्सलियों के फंडिंग सोर्स पर अटैक होगा। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के खिलाफ एक्शन बढ़ेगा। नक्सलियों को हथियार, पैसे, जरूरत का सामान शहरों से मुहैया कराया जाता है। अलग-अलग कारोबार से जुड़े लोग प्रॉफिट का कुछ हिस्सा नक्सलियों को देते हैं। इन पर नकेल कसी जाएगी।

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