भारत सोलर सेक्टर में क्रांति करने जा रहा है. पीएम मोदी पहले ही देश में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने को लेकर ऐलान कर चुके हैं, अब एक बड़ी कंपनी ने इंडिया से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक सोलर से बिजली पैदा करने का प्लान बना दिया है. सोलर ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी कैंडी सोलर इंडिया का लक्ष्य जून 2025 तक भारत और दक्षिण अफ्रीका में 200 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित करना है. चलिए अब एक नजर कंपनी के पूरे प्लान पर डालते हैं.
कंपनी के एमडी निशांत सूद ने कहा कि घरेलू बाजार में परियोजनाएं कॉमर्शियल तथा इंडस्ट्रियल (सीएंडआई) सेगमेंट के ग्राहकों के लिए इंजीनियरिंग, खरीद व निर्माण (ईपीसी) आधार पर स्थापित की जाएंगी, जबकि दक्षिण अफ्रीका में ग्राहक खाद्य उद्योग तथा कृषि से होंगे. हम कैलेंडर वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही तक करीब 200 मेगावाट की सौर परियोजनाएं पूरी कर लेंगे. उन्होंने कहा कि कैंडी सोलर 45 मेगावाट क्षमता के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में है.
रूफटॉप पर है कंपनी का फोकस
सूद ने कहा कि भारत में ये परियोजनाएं गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब और हरियाणा में फैली हुई हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी ओपन एक्सेस और रूफटॉप परियोजनाएं भी स्थापित करेगी. एमडी ने कहा कि 200 मेगावाट क्षमता में से करीब दो तिहाई भारत में तथा शेष दक्षिण अफ्रीका में स्थापित की जाएगी.
कंपनी के सामने ये है चुनौती
भारत में सौर डेवलर के समक्ष पेश होने वाली समस्याओं पर किए सवाल पर सूद ने कहा कि भारतीय बाजार में सबसे बड़ी चुनौती नीतिगत उतार-चढ़ाव है. कई नीतिगत बदलाव विभिन्न नोडल एजेंसियों के बीच संरेखित नहीं हैं. ऋण या वित्तपोषण विकल्प, खासकर एमएसएमई क्षेत्र में अब भी सीमित हैं. हालांकि, सौर ऊर्जा के लिए वृहद कहानी अच्छी बनी हुई है, जिसमें सभी यूजर्स के लिए स्पष्ट वित्तीय प्रोत्साहन, सामान्य बाजार क्षमता और सौर ऊर्जा के प्रति सरकार का सामान्य जोर शामिल है.