10 महीने से जारी गाजा जंग को खत्म करने के लिए पिछले हफ्ते मिस्र के काहिरा में अमेरिका, कतर, मिस्र के मध्यस्थ इकट्ठा हुए थे. इस बार की शांति वार्ता भी अपने सीजफायर के मकसद को हासिल किए बिना ही खत्म हो गई. इस शांति वार्ता में उम्मीद की जा रही है थी कि हमास और इजराइल के बीच इस बार सीजफायर और बंधकों की रिहाई के लिए समझौता हो जाएगा. लेकिन इस वार्ता में इजराइल ने अपनी नई शर्त पेश की, जिसके बाद गाजा युद्ध विराम होते-होते रह गया. इस शर्त को कुछ जानकारों ने युद्ध विराम की कोशिशों को नाकाम करने का इजराइल का प्रयास बताया है. इजराइल की ओर से कहा गया कि उसको गाजा में दो स्ट्रेटेजिक लोकेशन्स पर अपना कंट्रोल चाहिए. ये लोकेशन्स हैं, फिलाडेल्फी कॉरिडोर और नेत्ज़ारिम कॉरिडोर. इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने साफ किया कि इजराइल की सुरक्षा के लिए इन दो कॉरिडोर पर उनका कंट्रोल जरूरी है. आखिर फिलाडेल्फी कॉरिडोर में ऐसा क्या है, जो इजराइल इसपर किसी भी हाल में अपना कब्जा चाहता है. क्यों इसका आजाद रहना गाजा वासियों के लिए जरूरी है. आइये समझने की कोशिश करते हैं.
क्या है फिलाडेल्फी कॉरिडोर?
फिलाडेल्फी कॉरिडोर मिस्र गाजा बॉर्डर पर एक 14 किलोमीटर लंबी पट्टी है जिसकी चौड़ाई करीब 100 गज है. इसी कॉरिडोर पर राफा क्रॉसिंग मौजूद है, जो गाजा को बाहरी दुनिया से जोड़ने का एकमात्र रास्ता है. गाजा पट्टी तीनों तरफ से इजराइल से घिरी है, सिर्फ मिस्र की सीमा पर राफा क्रासिंग ही गाजा वासियों के गाजा से बाहर जाने या गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने और व्यापार के लिए एकमात्र रास्ता है. जानकार मानते हैं कि इस कॉरिडोर पर कब्जा करने का मतलब बिना पूरे गाजा पर कब्जा किए, पूरे गाजा पर कब्जा करना है. फिलिस्तीन समर्थकों का तर्क है कि फिलाडेल्फी कॉरिडोर को नियंत्रित करने का मतलब है गाजा के समुद्र और ज़मीन के सभी हिस्सों को नियंत्रित करना. इजराइल पहले भी इस कॉरिडोर से जाने वाली रसद को बाधित करने की कोशिश करता रहा है, लेकिन हमास अपने टनल नेटवर्क की बदौलत इजराइल सेना को चकमा देने में कामयाब रहा है. गाजा के फिर से निर्माण के लिए भी इस कॉरिडोर के जरिए विदेशी मदद पहुंचाई जाएगी. इसपर इजराइल का कंट्रोल बना रहना युद्ध में तहस-नहस हो चुके गाजा इंफ्रास्ट्रक्चर को फिर से बनाने में बाधा डाल सकता है.
नेत्ज़ारिम कॉरिडोर
नेत्ज़ारिम कॉरिडोर की बात करें तो ये गाजा पट्टी के सेंटर में इजराइली सीमा से लेकर गाजा के दक्षिण तट तक फैली छह किलोमीटर लंबी पट्टी है. इसकी चौड़ाई दो किलोमीटर बताई जाती है. इस कॉरिडोर पर इजराइल के कंट्रोल को गाजा वासी गाजा के फिर से निर्माण को रोकने की मंशा मानते है. इस पर अपनी सेना को तैनात करने से इजराइल किसी भी समय गाजा को दो हिस्सों में बांट सकता है.
सीजफायर रोकने की कोशिश
इजरायल की ओर से नई शर्तों को आश्चर्यजनक रूप से शामिल करने के बाद काहिरा में युद्ध विराम वार्ता लगभग पटरी से उतर गई है. हालांकि अमेरिका का कहना है कि वे इसके लिए लगातार कोशिश कर रहा है. हमास ने जुलाई पेश किए गए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शांति प्रस्ताव पर सहमति जताई थी. न तो राष्ट्रपति बाइडेन की 31 मई की स्पीच और न ही उसके बाद 11 जून के अमेरिकी सुरक्षा परिषद की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में इस मांग का जिक्र था, शांति के लिए चल रहे कूटनीतिक प्रयास का आधार अमेरिका का यही प्रस्ताव है. दोनों में ही गाजा में इजराइल सेना की स्थायी मौजूदगी का कोई पॉइंट नहीं जोड़ा गया था. हमास शुरू से ही गाजा से इजराइल सेना की संपूर्ण वापसी की मांग करता रहा है और बिना संपूर्ण वापसी के किसी भी शांति प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.